36 साल बाद पहली बार क्रिकेट विश्वकप में नजर नहीं आएगी

नई दिल्ली: 1983 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब एक टीम 2019 के क्रिकेट विश्वकप में नजर नहीं आएगी। यूएई के हाथों क्वालीफायर मैच में गुरुवार (22 मार्च) 3 विकेट से मिली हार के बाद जिम्बाब्वे का 2019 के क्रिकेट विश्वकप में खेलने का सपना चकनाचूर हो गया। इंग्लैंड और वेल्स में अगले वर्ष शुरू होने जा रहे क्रिकेट विश्वकप में जगह बरकरार रखने के लिए जिम्बाब्वे को क्वालीफायर मैच में यूएई को हराना था। जिम्बाब्वे के कप्तान ग्रेम क्रीमर ने मैच के बाद कहा- ”हमारे पास फाइनल में पहुंचने के लिए अच्छे मौके थे। मुझे लगता है कि अब तक हम वाकई अच्छा खेलते आए हैं। आज का दिन बहुत निराशाजनक रहा।” क्रीमर ने जिम्बाब्वे क्रिकेट के भविष्य को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा- ”हम लोग लगभग आश्वस्त थे कि हम फाइनल में जा रहे हैं, मुझे पूरा यकीन है कि काफी लोगों ने भी यही सोचा होगा। इसलिए भविष्य के क्रिकेट के लिए मैं किसी बिंदू पर पक्का नहीं हूं।”

जिम्बाब्वे की हार पर यूएई के कप्तान रोहन मुस्तफा ने कहा- ”एक टेस्ट टीम को हराना हमारे लिए बड़ी जीत है। कोई हमारे बारे में नहीं जानता था, अब वे सब हमें जानेंगे। जिम्बाब्वे के लिए दुखी हूं, यह खेल है।” बता दें आईसीसी वर्ल्ड कप क्वालिफायर सुपर सिक्स मुकाबले में बारिश की वजह से प्रभावित हुए मैच में जिम्बाब्वे को 40 ओवर में 230 रनों का लक्ष्य मिला था। लेकिन टीम 7 विकेट गंवाकर 226 रन ही बना सकी। इस मैच में जिम्बाब्वे ने ही टॉस जीता था और पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी यूएई टीम ने शुरूआती झटकों से संभलते हुए 47.5 ओवर में 235 रन बनाए।

जिम्बाब्वे की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज सिकंदर रजा रहे जिन्होंने 10 ओवर में 41 रन देकर 3 विकेट लिए। बारिश के कारण मैच में डकवर्थ लुइस नियम लागू किया गया जिसके अनुसार जिम्बाब्वे को 40 ओवर में 230 रन का लक्ष्य मिला। जिम्बाब्वे की शुरूआत भी कमजोर रही और टीम की तरफ से विलियम्स ने सबसे ज्यादा 80 रन बनाए और दूसरे नंबर सिकंदर रजा ने 34 रन जोड़े। बाकी खिलाड़ी तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे और टीम 3 विकेट से हार गई। जिम्बाब्वे की हार ने टीम और उसके फैन्स का मनोबल तोड़ दिया। वे काफी भावुक नजर आए।जिम्बाब्वे की इस हार के साथ ही उसके भविष्य के क्रिकेट पर भी सवाल उठने लगे हैं।