लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर और सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की. मुलाकात के बाद राजभर ने कहा कि विभागीय बातों के अलावा उपचुनाव पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि हमलोगों को उपचुनाव में पूछा ही नहीं गया, नहीं तो वे लोग भी मेहनत करते. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सहयोगी दलों के सहयोग नहीं लेने से चूक हुई है.

दिव्यांग जन कल्याण मंत्री और भारतीय समाज सुहेलदेव पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को हमारा भी सहयोग गोरखपुर और फूलपुर में हुए लोकसभा के उपचुनाव में लेना चाहिए था.

बीजेपी ने इस जातीय समीकरण को कम आंका और समझती रही कि बसपा का वोट ट्रांसफर नहीं होगा. जबकि पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी को 39 फ़ीसदी ही वोट मिले थे. जबकि बसपा और सपा का वोट प्रतिशत 45 फ़ीसदी के करीब था. आसान सा अंकगणित बीजेपी नहीं समझ सकी. इतना ही नहीं मायावती ने यह भी साबित कर दिया कि उसका कैडर दलित वोट आज भी उनके साथ है और एक आदेश पर वह ट्रांसफर भी हो सकता है. बीजेपी के सामने अब इस जातीय समीकरण को तोड़ने की चुनौती भी होगी.

वैसे तो उपचुनावों में वोटिंग प्रतिशत कम ही रहता है. लेकिन गोरखपुर और फूलपुर में इतना कम मतदान होगा बीजेपी ने नहीं सोचा था. बीजेपी के कार्यकर्ता अपने वोटर को मतदान केंद्र तक नहीं ला सके. यहां भी संगठन में कमी नजर आई. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जिस मजबूत संगठन को जीत का श्रेय देते रहे हैं, वह भी अति उत्साहित नजर आया. वह मानकर चल रहा था कि उसका वोटर निकलेगा. ऐसा हुआ नहीं. फूलपुर में 37 फीसदी के करीब तो गोरखपुर में करीब 47 फीसदी मतदान ही हुआ.