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क्रायो-ईलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोपी तकनीक में है सजीव चित्रण की क्षमता : डॉ ए एन घोष

लखनऊ : सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में दिनांक 06-08 मार्च 2018 को इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी यूनिट, सैफ द्वारा "लाइफ साइंसेज में ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी और स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी के अनुप्रयोग" पर तीन दिवसीय द्वितीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सीएसआईआर, जेओल और गटन द्वारा प्रायोजित थी। सीएसआईआर-सीडीआरआई में इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी प्रयोगशाला का 50 वर्षों का एक लंबा इतिहास और अनुभव है। ईएम लैब की स्थापना 1960 के दशक के अंत में पुरानी छतर मंज़िल परिसर में बायोफिज़िक्स डिवीज़न के तहत की गई थी और यह देश के पहली प्रयोगशालाओं में से एक है जिसे आरएंडडी संबंधी अनुप्रयोगों के लिए ईएम में विशेषज्ञता हासिल है।

इस तीन दिवसीय कार्यशाला में डॉ ए.एन. घोष (आईसीएमआर एमेरिटस साइंटिस्ट, पूर्व प्रमुख, डिवीजन ऑफ इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, आईसीएमआर-एनआईसीईडी, कोलकाता) डा तेतसूओ ओइकावा (टीईएम, जेओल एशिया, सिंगापुर के वरिष्ठ उत्पाद प्रबंधक), डा एब्बी ( वरिष्ठ एप्लीकेशन स्पेशलिस्ट, जिओल) डॉ. अनिंदितो सेन (एप्लीकेशन मैनेजर, आईकॉन एनालिटिकल प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया), श्री वेंकटराम दत्तू (राष्ट्रीय प्रबंधक, गटन) और डॉ कल्याण मित्रा (सीनियर साइंटिस्ट, सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ और कार्यशाला आयोजन सचिव) आदि प्रमुख वक्ता और प्रशिक्षक थे। सुश्री गरिमा पंत, श्रीमती मधुली श्रीवास्तव (तकनीकी स्टाफ) श्रीमती भानू प्रिया अवस्थी, श्री रोहित सहाय और सुश्री श्वेतपदमा माझी (अनुसंधान फेलो) ने भी व्यावहारिक सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

कार्यशाला के समापन दिवस पर डॉ ए.एन. घोष ने क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी पर एक बहुत ही जानकारीपूर्ण भाषण दिया और कहा कि क्रायो-ईएम विधि का इस्तेमाल कोशिका में जैव-अणुओं को उनकी मूल अवस्था में लगभग सजीव रूप में ही त्रि-आयामी संरचना को निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है। और इस तकनीक में डायनेमिक मोलक्यूलर कोम्प्लेक्सेस के विभिन्न रूपों को प्रकट करने की क्षमता है। डॉ अनिंदितो सेन ने यह भी बताया कि वायरस का अध्ययन करने के लिए क्रायो-ईएम कैसे लागू किया जा सकता है। क्रायो-ईएम उन्नत इमेज-प्रोसेसिंग एल्गोरिदम का उपयोग करके जैविक मेक्रोमोलेक्युलर संरचनाओं की जांच के लिए उनकी गतिशीलता के विश्लेषण हेतु एक शक्तिशाली उपकरण है।

इस तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य जीवन विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रहे छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षकों और कर्मचारियों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने हेतु सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक ज्ञान दे कर कुशल मानव संसाधन का विकास करना था । कार्यशाला का फोकस उन्नत तकनीकों, उनके अनुप्रयोगों और उनके नमूना तैयार करने के तरीकों पर था। क्रायो-ईएम और डिजिटल इमेजिंग के क्षेत्र में विशेष रूप से नवीनतम विकास पर चर्चा की गई और पाठ्यक्रम में बुनियादी टीईएम/एसईएम संचालन और उनके रखरखाव/समस्या निवारण के मुद्दों को शामिल किया गया।

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