नई दिल्ली: त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय विधानसभा चुनावों में भाजपा ने ज़ोरदार मौजूदगी दर्ज कराइ है | अभी तक की मतगणना के अनुसार त्रिपुरा में बीजेपी एक बड़ी ताकत बनकर उभरी है और दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आने जा रही है. यहां पर बीजेपी और लेफ्ट में सुबह कड़ी टक्कर थी जो दोपहर बाद तक एकतरफा नजर आने लगी. वहीं नागालैंड में एनपीएफ सबसे आगे था लेकिन दोपहर बाद तक यहां पर भी बीजेपी गठबंधन के साथ एनडीपीपी आगे निकल गई . उधर मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है . यहां पर त्रिशंकु स्थिति बनी हुई है .

18 फरवरी को विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर हुए मतदान में 92 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने वोट डालकर देश के चुनावी इतिहास में एक रिकार्ड बनाया था. जनजातीय समुदाय के लिए आरक्षित सीट चारिलाम का चुनाव 12 मार्च को होगा. यहां एमसीपी उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव टालना पड़ा है.

भारत के 65 साल के चुनावी इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि वाम दलों और भाजपा की सीधी टक्कर हुई. राज्य में माकपा ने 56 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. पार्टी ने एक-एक सीट मोर्चे के घटक दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के लिए छोड़ी थी. वहीं बीजेपी राज्‍य के 50 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसने नौ सीट अपने सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के लिए छोड़ी थी.

कांग्रेस ने सभी 59 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन काकराबन-शालग्रहा से पार्टी के उम्मीदवार सुकुमार चंद्र दास ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए थे. गौरतलब है कि एक्जिट पोल में इन तीनों राज्यों में इस बार बीजेपी एक बड़ी ताकत के रूप में उभरता हुआ दिखाया गया था जो सही साबित हुआ है. दो एक्जिट पोल में यह कहा गया है कि त्रिपुरा में बीजेपी सत्तासीन होगी, जहां पिछले 25 साल से वाम मोर्चे की सरकार है.