लखनऊ: उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी ने आज लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट पर कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव देश, प्रदेश के विकास के पक्ष में रही है। लेकिन इस समिट का जिस प्रकार प्रचार किया गया और उसमें करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाये गये एवं प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार के अधिकारियों एवं पुलिस की तारीफ की उससे यह ‘‘इन्वेस्टर्स समिट कम’’ ‘इवेन्ट मैनेजमेण्ट ज्यादा’’ लग रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संजय बाजपेयी ने आज जारी बयान में कहा कि जिस तरह से इन्वेस्टर्स समिट में यह बताया कि 1045 एम0ओ0यू0 हो चुके हैं। जिसमें 4 लाख 28 हजार करोड़ रूपये निवेश की बातें की गयी हैं अगर यह धरातल पर उतरती हैं तो निश्चित रूप से प्रदेश का भला होगा। प्रधानमंत्री जी ने समिट में अपने उद्बोधन में उ0प्र0 में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कारीडोर विकसित किये जाने की बात की जो स्वागत योग्य है परन्तु वहीं आश्चर्य की बात यह है कि इस पूरे इन्वेस्टर्स समिट में जुटे लेागों में से किसी भी एक ने डिफेंस क्षेत्र में पूंजी निवेश की बात नहीं की। वहीं अभी रक्षा क्षेत्र मंें किया गया सबसे बड़ा समझौता ‘‘राफेल डील’’ जिसमें अगर विमान बनाने का काम पहले से लखनऊ में चल रहे एच0ए0एल0 केा दिया जाता तो यह प्रदेश के हित में होता। क्योंकि कांग्रेस शासनकाल में दो बड़ी डिफेंस इकाईयां लखनऊ का एच0ए0एल0 एवं कानपुर का आर्डिनेन्स कारखाना था जिसे लगातार कमजोर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी का बयान वास्तविकता से परे चुनावी जुमला ही लग रहा है। प्रदेश की जनता प्रधानमंत्री के लखनऊ आगमन पर पीएनबी घोटाले और राफेल डील पर उनका विचार जानना चाहती थी लेकिन प्रदेश की जनता को प्रधानमंत्री से निराशा ही हाथ लगी।

श्री बाजपेयी ने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र की यूपीए सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी के प्रयास से मेगा फूड पार्क, हिन्दुस्तान पेपर मिल जैसी तमाम छोटे-बड़े औद्योगिक कारखाने स्थापित किये जाने हेतु न सिर्फ एमओयू किया था बल्कि यह तमाम प्रोजेक्ट शुरू होने की कगार पर थे, किन्तु कई प्रोजेक्ट की शुरूआत होने के पहले ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद उनको बन्द करवा दिया गया और आज वही लोग चुनाव पूर्व इन्वेस्टर्स मीटिंग करके प्रदेश की जनता को फिर एक जुमले में उलझाना चाहते हैं। कुल मिलाकर इन्वेस्टर्स समिट ‘‘चुनावी शोशेबाजी’’ साबित हो रही है।