प्रतापगढ़। इस्लाम में जितना महत्व इबादतों का है, जिनका संबंध व्यक्ति और उसके अल्लाह से है, उतना ही बल्कि कुछ मायनों में इससे भी अधिक महत्व उन इबादतों और अच्छे कर्मों का है जिनका संबंध बन्दों है। इस संदर्भ में लोगों की सेवा करने के लिए, उनके काम आना, उनके दुख और परेशानियों को दूर करने के लिए, उनके दुख दर्द को बांटने और उनके साथ सहानुभूति और गम में शरीक होना जैसे नेक काम आते हैं, इन सभी कार्यों को मानवता की सेवा से परिभाषित किया जा सकता है।

भारतीय मुसलमानों के सबसे पुराना संगठन जमीअत उलेमा हिंद के बुजुर्गाें ने इस्लाम के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में दिये गयें निर्देषों का सही मायने में पालन करके दिखलाने और उन बुजुर्गों के सच्चे वारिस आज भी बिना भेदभाव धर्म, चुपचाप इस महत्वपूर्ण काम को अंजाम दे रहे हैं।

जमीअत उलमा के पदाधिकारी इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए जमीअत उलेमा हिंद के महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी साहब के निर्देश पर जमीअत उलेमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, प्रसिद्ध आलिम ए दीन हजरत मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा साहब क़ासमी काज़ि-ए-शहर कानपुर ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का दौरा करके अपने सम्मान(इज्जत) की रक्षा के लिए शहीद होने वाली मृतक राबिया खातून और असामाजिक तत्वों द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र के घर के लोगों से मिले, उनके दुःखों को सुना और जमीअत उलमा की तरफ से वित्तीय और कानूनी हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर मौलाना मतीनुल हक उसामा क़ासमी के विषेष सलाहकार मौलाना मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी ने मौलाना उसामा क़ासमी के हवाले से बतलाया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लॉ सेकंड ईयर के छात्र दिलीप सरोज एक रेस्तरां में चाय पीने गया था, वहाँ इस सोमवार से करीब बैठे व्यक्ति की कुर्सी हल्की सी ठोकर लग गई, इसी बात को लेकर दोनों से लड़ाई झगड़ा हुआ, बात इतनी बढ़ी कि इन लोगों ने दिलीप की ज्यादा पिटाई कर दी जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती करना हड़ा और वहाँ उसकी मौत हो गई । उन्होंने बतलाया कि पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार किया है लेकिन पीड़ित के परिवार के अनुसार अब तक कानूनी कार्रवाई में काफी सुस्ती दिख रही है, जिस तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए वैसे नहीं हो रही है। मौलाना मतीनुल हक़ उसामा ने उनकी व्यथा सुनी, सांत्वना दी और जमीअत उलेमा हिंद की ओर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मौलाना उसामा ने प्रांतीय और जिला यूनिट द्वारा उन्हें पेशकश की वह मजबूती के साथ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और जमीअत उलेमा के योग्य जो भी सेवाएं है, जमीअत उसके लिए तैयार है और उन्हें न्याय दिलाने और अपराधियों को सजा दिलाने में जमीअत उलेमा उनके साथ है।

वहीं दूसरी ओर प्रतापगढ़ जिले में रहने वाली राबिया खातून से कुछ मानववेष में दरिन्दे लोगों ने बलात्कार की कोशिश की, जब उन्होंने अपनी इज्जत बचाने के लिए प्रतिरोध किया तो इन लोगों ने राबिया खातून के साथ बेहद घिनावनी दरिंदगी का सुलूक किया जिसके बाद उनका निधन हो गया। मौलाना मतीनुल हक़ उसामा ने उनके परिजनों से मुलाकात करके उन्हें सांत्वना दी, उनके दुख-दर्द में शरीक हुए। इससे पहले जमीअत उलेमा जिला परतापगढ़ के जिम्मेदार उनके घर वालों से संवेदना व्यक्त करके हर संभव सहयोग का आश्वासन दे चुके हैं जबकि आज फिर जमीअत उलेमा उत्तर प्रदेश की ओर से पचास हजार की मदद का वादा किया। मौलाना उसामा ने कहा कि पांच अपराधियों में अब तक केवल 2 लोग गिरफ्तार हुए हैं जबकि 3 की गिरफ्तारी अभी बाकी है। उन्होंने कहा इतने अमानवीय और दर्दनाक घटना को जितनी प्राथमिकता मिलनी चाहिए और जिस तरह से कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए वह अभी तक पूरी तरह नहीं हुई है। अपने शहर और राज्य के निवासियों की जान व माल की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है, और इसके विपरीत अपराधियों के साथ रियायत का मामला करना और उनकी मदद करना यह बहुत ही शर्मनाक बात है।

मौलाना उसामा ने जमीअत उलेमा के हवाले से सरकार से मांग की कि मृतक राबिया खातून के घर वालों को कम से कम 25 लाख का मुआवजा और आवास के लिए उपयुक्त मकान दिया जाए, और इसके अलावा उनके बच्चे को सरकारी नौकरी दी जाए।

मौलाना मतीनुल हक़ उसामा ने कहा कि हमारा यह मानना है कि देश शांति और न्याय के साथ ही विकास कर सकता है, अगर देश में शांति नहीं होगी और देश में रहने वालों को न्याय नहीं मिलेगा तो यह देश के लिए बेहद नुकसानदायक साबित होगा। हमारे प्रधानमंत्री बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा लगाते हैं लेकिन यहां तो बेटियों के साथ आए दिन अत्याचार हो रहे हैं, उन्हें मार डाला जा रहा है, और न्याय मिलना तो दूर की बात, उन्हें उचित मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है।

मौलाना ने दोनों घटनाओं को लेकर सरकार से मांग की कि वह नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित और अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे, ऐसा न हो कि पुलिस पर दबाव बनाकर या कुछ पेशकश करके अपराधियों के साथ नरम रवैया अपनाया जाए। ऐसे अपराधी छोड़े जाने के लायक़ नहीं हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर मौलाना मतीनुल हक़ उसामा के साथ जमीअत उलेमा जिला प्ररापगड़ के अध्यक्ष मुफ्ती जमीलुर्रहमान क़ासमी, महासचिव मौलाना फारूक क़ासमी, जमीअत उलेमा उत्तर प्रदेश के सचिव मौलाना शब्बीर अहमद मज़ाहिरी और क़ारी अब्दुल मुईद चैधरी, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, मौलाना मुहम्मद इसरार क़ासमी, मुफ्ती मुनीर अहमद क़ासमी, मुहम्मद इसहाक, मौलाना ताजदार कासमी, मौलाना सुफियान, फैसल नदवी, मुख्तार अहमद, जिला जमीअत के पदाधिकारी, स्कूल व कॉलेजों के प्रिंसिपल व शहर के अन्य सामाजिक जिम्मेदार मौजूद थे।