नई दिल्ली:पीएनबी फ्रॉड मामले में सीबीआई ने बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी (रिटायर्ड) को दो अन्य अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किया है. उन्हें कल मुंबई में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.

शेट्टी के अलावा पंजाब नेशनल बैंक के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात और नीरव मोदी ग्रुप के ऑथराइज्ड सिग्नटरी हेमंत भट्ट को भी गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि गोकुलनाथ शेट्टी की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई शुक्रवार को भी उनके मलाड स्थित घर पहुंची थी, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे.

देश के सबसे बड़े 11 हजार करोड़ के बैंकिंग घोटाले की आंच भरतपुर पहुंच गई है. इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक की कार्रवाई में भरतपुर के कार्यरत दो बैंक अधिकारियों को निलंबित किया गया है. पीएनबी शाखा लक्ष्मण मंदिर के मुख्य प्रबंधक आरके जैन और सर्किल कार्यालय में कार्यरत स्केल चार के अधिकारी पीसी सोनी को निलंबित किया गया है. जीएस एमएचआरडी ने मंडल प्रमुख संजीव सिंग्ला को इस संबंध में आदेश भेजे थे.

पंजाब नेशनल बैंक में देश की बैंकिंग इंडस्ट्री की सबसे बड़ी 11 हजार 394 करोड़ के घोटाले के समय वर्ष 2011 से 2012 तक यह दोनों अफसर मुंबई की ब्रेडी हाउस शाखा में कार्यरत रहे हैं. इस मामले में पीएनबी ने देश के 41 अफसर-कर्मचारियों को निलंबित किया है. प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि जिस पर भी थोड़ा सा शक था, उसे सस्पेंड कर दिया गया है. अब इनके खिलाफ जांच होगी. जल्द ही इन अधिकारियों से किसी भी समय ईडी पूछताछ कर सकती है.

दोनों अफसरों के निलंबन आदेश आने के बाद स्थानीय बैंक प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि अभी तक बैंक प्रशासन का कहना है कि दोनों ही अधिकारियों ने यहां के कार्यकाल में कोई भी ऐसी गड़बड़ी नहीं की है लेकिन बैंक प्रबंधन ने फिलहाल जांच के लिहाज से उन अधिकारियों को ही निलंबित किया है जो कि वर्ष 2011 से लेकर अब तक मुंबई की ब्रेडी हाउस शाखा में कार्यरत रह चुके हैं.

बैंक को शक है कि कोई घोटाले में शामिल हो या नहीं हो, लेकिन जांच प्रभावित कर सकता है. पीएनबी सीईओ सुनील मेहता ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया था कि पीएनबी ने दोषी ग्राहकों व स्टाफ के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है. 10 को सस्पेंड कर दिया है. इनकी संख्या बढ़कर शनिवार तक 41 पहुंच गई. घोटाले के कारण प्रोविजनिंग पर अभी कहना मुश्किल है.

आरके जैन मुंबई की ब्रेडी हाउस शाखा में वर्ष 2012 से 2015 तक सेकंड इंचार्ज के रूप में कार्यरत रहे. वे रहने वाले भरतपुर के रणजीत नगर कॉलोनी के ही है. फिलहाल वे लक्ष्मण मंदिर शाखा के मुख्य प्रबंधक पद पर कार्यरत थे. जबकि पीसी सोनी अप्रैल 2011 से नवंबर 2011 तक मुंबई की उसी शाखा में रहे, जहां इतना बड़ा घोटाला हुआ है. वहां वे कॉन्ट्रेक्टर ऑडिटर के पद पर कार्यरत थे. दोनों ही अधिकारी स्केल चार के हैं. सोनी वर्तमान में सर्किल कार्यालय में मनी लाॅड्रिंग व केवाईसी का कार्य देख रहे थे. दोनों का ही अभी सीधे तौर पर पब्लिक डीलिंग का काम नहीं है.