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‘मैं शरीयत को मानता हूं पर्सनल लॉ बोर्ड की संस्तुतियों को नहीं’

अयोध्या मामले में मेरी मुहीम जारी रखेंगे मौलाना सलमान नदवी

लखनऊ: ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य मौलाना सलमान नदवी को रविवार को बोर्ड से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने बाबरी मस्जिद को शिफ्ट किए जाने की बात की थी।

रविवार को बोर्ड से निष्कासित किए जाने के बाद लखनऊ वापस लौटने के तत्काल बाद उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। मौलाना ने अपने निष्कासन पर कहा है कि उन्हें निकाला तो रविवार को गया है, वैसे उन्होंने खुद ही शुक्रवार को हैदराबाद में बोर्ड की बैठक के पहले सत्र के बाद ही खुद को बोर्ड से अलग कर लिया था। मौलाना ने कहा कि बोर्ड से निष्कासन के बावजूद वह अयोध्या मसले को आपसी बातचीत से सुलझाने की अपनी मुहिम नहीं छोड़ेंगे।

मौलाना सलमान नदवी ने कहा है कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर अब कट्टरपंथी हावी हो गए हैं, जहां उदारवादियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं रह गयी है। बोर्ड अब ओवैसी साहब की गोद में चला गया है। आजम खां जैसे लोग बोर्ड में दखल दे रहे हैं। कासिम रसूल इलियास और कमाल फारूकी जैसे लोग बोर्ड में जो बातें कर रहे हैं-वहीं मस्जिद बनाएंगे चाहे जानें चली जाएं।

अरे ढांचा है उसको कहीं शिफ्ट करके नमाज पढ़िए। नमाज पढ़ने की फिक्र नहीं है इन लोगों को। सिर्फ मस्जिद की जगह को लेकर झगड़े की फिक्र है। मेरा तो यही कहना था कि मैं तो शरीयत को मानता हूं, हदीस को मानता हूं, पर्सनल लॉ बोर्ड की संस्तुतियों को नहीं मानता। निष्कासन के बाद भी अयोध्या विवाद को बातचीत से हल कराने की अपनी मुहिम जारी रखने के संकल्प को दोहराते हुए मौलाना ने कहा कि इसी की खातिर तो उन्होंने बोर्ड से अलगाव स्वीकार किया है।

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