नई दिल्ली: चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी देते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है। आयोग ने लाभ का पद मामले में शुक्रवार (19 जनवरी) को आप के 20 विधायकों को अयोग्य करार देते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राष्ट्रपति से की थी, जिसके बाद सोमवार को इस सिफारिश पर राष्ट्रपति की ओर से मुहर लगा दी गई। चुनाव आयोग ने ढाई साल की सुनवाई के बाद शुक्रवार को इस मामले में राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी थी। कांग्रेस द्वारा जून 2016 में की गई एक शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति को अपनी राय दी थी। कांग्रेस के आवेदन में कहा गया था कि जरनैल सिंह (राजौरी गार्डन) सहित आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार के मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त किया गया है। जरनैल सिंह ने पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। अब राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिलने के बाद 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा की 20 सीटों के लिए उपचुनाव कराना पड़ेगा। वर्तमान में आधिकारिक तौर पर आप के 66 सदस्य सदन में हैं। अन्य चार सीटें भाजपा के पास हैं। जिन विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें अलका लांबा, आदर्श शास्त्री, संजीव झा, राजेश गुप्ता, कैलाश गहलोत, विजेंदर गर्ग, प्रवीण कुमार, शरद कुमार, मदन लाल खुफिया, शिव चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, राजेश ऋषि, अनिल कुमार, सोम दत्त, अवतार सिंह, सुखवीर सिंह डाला, मनोज कुमार, नितिन त्यागी और जरनैल सिंह (तिलक नगर) शामिल हैं।