सुनील रमेश के शानदार 93 रन से भारत ने रोमांचक फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को दो विकेट से हराकर नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप खिताब बरकरार रखा. पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने बदर मुनीर के 57 रन, रियासत खान के 48 रन और कप्तान निसार अली के 47 रन के उपयोगी योगदान से 40 ओवर में आठ विकेट पर 307 रन का स्कोर खड़ा किया. भारत के लिये दीपक मलिक और रामबीर ने दो दो विकेट चटकाये जबकि सुनील रमेश ने एक विकेट झटका.

इसके बाद भारतीय टीम ने रमेश की 67 गेंद में 93 रन और कप्तान अजय रेड्डी की 60 गेंद में 62 रन की बेहतरीन पारी के बूते यह लक्ष्य एक ओवर रहते ही हासिल कर ट्राफी पर कब्जा जमाया. भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में इसी प्रतिद्वंद्वी को हराकर 2014 में खिताब जीता था.

लक्ष्य का पीछा करते हुए प्रकाश और वेंकटेश ने शानदार शुरूआत करायी. इन दोनों ने 10 रन प्रति ओवर की गति से स्कोर बनाना जारी रखा. वेंकटेश ने 32 गेंद में 35 रन बनाये जबकि प्रकाश ने 42 गेंद में 44 रन की पारी खेली. पाकिस्तान ने हालांकि अंत में लगातार तीन विकेट झटककर दबाव बना लिया था और भारत को थोड़ी परेशानी हुई लेकिन एक वाइड गेंद के बाउंड्री पर पहुंचने से पलड़ा भारतीय टीम की ओर झुक गया.

भारत ने 13 जनवरी को ग्रुप चरण में भी पाकिस्तान को पस्त किया था. गत चैम्पियन ने सेमीफाइनल में बांग्लादेश को सात विकेट से मात दी थी.