नई दिल्ली: नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ कल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े देशभर के करीब 3 लाख डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. लिहाजा प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों के ओपीडी ठप रहेंगे. सरकार इस कमीशन के लिए मंगलवार को बिल ला रही है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर यह बिल पास हुआ तो मेडिकल के इतिहास में काला दिन होगा. इसकी वजह से इलाज महंगा होगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. इस बिल के लागू होने से निजी मेडिकल कॉलेजों पर सरकार का शिकंजा मज़बूत होगा.
इंडियन मेडिकल काउंसिल को नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017 के प्रावधानों से एतराज है. नए बिल के मुताबिक अब तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटों का फीस मैनेजमेंट तय करती थी. अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट को 60% सीटों का फीस तय करने का अधिकार होगा.
इसमें पहले 130 सदस्य होते थे और हर राज्य का तीन प्रतिनिधि होता था. अब नए बिल के मुताबिक कुल 25 सदस्य होंगे, जिसमें 36 राज्यों में से केवल 5 प्रतानिधि ही होंगे. आयुष को ब्रिज कोर्स करवाकर इंडियन मेडिकल रजिस्टर में शामिल करने का प्रावधान है जो एमबीबीएस के लगभग बराबर होगा. एमबीबीएस के बाद भी प्रैक्टिस करने के लिए एक और परीक्षा देनी होगी. वहीं पहले यह परीक्षा विदेशों से एमबीबीएस करने वालों को देनी होती थी. अब नए बिल में उनको इस एग्जाम से छूट है.
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