वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच ईरान परमाणु समझौते को लेकर विवाद पैदा हो गया है और ओबामा ने स्पष्ट चेतावनी वाले अंदाज में कहा है कि नेतन्याहू इस मामले में पूर्व में गलत रहे हैं।

नेतन्याहू ने अमेरिकी कांग्रेस में ऐतिहासिक संबोधन की पूर्व संध्या पर कहा कि तेहरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को कम करने को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच समझौता ‘इस्राइल के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। उन्होंने ऐसे समय यह बात कही जब अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और उनके ईरानी समकक्ष मोहम्मद जावद जरीफ स्विट्जरलैंड में वार्ता के लिए मिले हैं। यह वार्ता संभवत: बुधवार को समाप्त होगी।

लेकिन ओबामा ने इस्राइली नेता की बात का जवाब देते हुए कहा कि उनकी योजना ईरान के कथित खतरे को रोकने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। ओबामा और नेतन्याहू दोनों ने कहा कि अमेरिका और इस्राइल के बीच परंपरागत गठबंधन मजबूत बना रहेगा लेकिन अमेरिकी नेता ने साफ तौर पर इस्राइल की पूर्व की घोषणाओं की आलोचना की। इस बीच नेतन्याहू ने इस्राइल समर्थक लॉबी एआईपीएसी के वाषिर्क सम्मेलन में हजारों कार्यकर्ताओं के सामने कहा कि मेरा भाषण राष्ट्रपति ओबामा या उनके पद को किसी प्रकार की ठेस पहुंचाने के लिए नहीं है। मैं दोनों की बहुत इज्जत करता हूं। इस्राइल और अमेरिका ने सहमति जताई है कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए लेकिन उसे इन हथियारों को विकसित करने से रोकने के सर्वश्रेष्ठ तरीके पर हम असहमत हैं। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत सामंथा पावर ने तेहरान के साथ होने वाले समझौते के संबंध में नेतन्याहू के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की इजाजत नहीं देगा।