नई दिल्ली: तेजी से चर्चा में आई क्रिप्टो करेंसी बिटक्‍वाइन खरीदने चुके लोगों के लिए बुरी खबर है। इस सप्ताह में बिटक्वाइन के रेट में 30 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले शुक्रवार को ही 15 फीसदी तक रेट घट गए हैं।

भाव गिरने से पहले हांगकांग में इसका रेट 13649.72 डॉलर प्रति बिटक्वाइन था। लेकिन अब गिरावट के बाद यह 13048 डॉलर प्रति बिटक्वाइन हो गया है।

इससे पहले इसी साल बिटक्वाइन की लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ी थी कि पिछले एक साल में इसकी कीमत में 1300 फीसदी तक उछाल देखने को मिली। लेकिन हाल में जिस तेजी से बिटक्वाइन में गिरावट देखने को मिली है वह इस क्रिप्टो करेंसी के लिए शुभ संकेत नहीं है। वहीं बिटक्वाइन को लेकर शुरू हुई कई तरह की चर्चाओं को लेकर जापान बैंक के गवर्नर ने गुरुवार को कहा कि बिटक्वाइन एक आम मुद्रा की तरह काम नहीं कर रहा बल्कि इस पर आशंकाओं के बादल छाए हैं।

बिटक्वाइन एक डिजिटल करेंसी है जिसे हम आम भाषा में आभाषी मुद्रा या इंटरनेट करेंसी भी कह सकते हैं। इसका अविष्कार सतोषी नाकामोटो नाम के शख्स ने 2008 में किया। नाकामोटो के बारे में कहा जाता है कि वह जापान में पैदा हुआ था और काफी समय तक वहां रहा लेकिन अब कहां पर है और किस देश का नागरिक है इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है। नाकामोटो ने पहले पी2पी फाउंडेशन बनाया और फिर एक शक्तिशाली कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए बिटक्वाइन नाम की मुद्रा शुरू की। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बिटक्वाइन का चलन 2009 में शुरू हुआ था।

बिटक्वाइन को हम अपनी जेब या घर में स्टोर नहीं कर सकते क्योंकि यह किसी तरह के नोट या कोई क्वाइन की शक्ल में नहीं होता। बिटकॉइन का इस्तेमाल सिर्फ ऑनलाइन ही किया जा सकता है। बिटक्वाइन को रेगुलाइज्ड करने के लिए कोई संस्था या सरकार नहीं है। यानी यह किसी प्रकार के कंट्रोल से फ्री है। इसे ऑनलाइन दुनिया के किसी भी कोने से खरीदा जा सकता है और कहीं भी बेचा जा सकता है। बिटक्वाइन एक विशेष प्रकार के ऑनलाइन नेटवर्क पर काम करता है और नेटवर्क में जुड़ने वाले लोग ही इसे खरीद या बेच सकते हैं।