नई दिल्ली: सरकार बैंक अकाउंट और फाइनेंशियल ट्रांजेक्‍शंस को आधार से लिंक करने की डेडलाइन 31 दिसंबर से आगे बढ़ा सकती है. हालांकि इसकी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग नियमों में संशोधन कर दिया है. इस डेडलाइन को आगे बढ़ाने के लिए यह संशोधन जरूरी है. ऐसे में माना जा रहा है कि अब सरकार जल्‍द इसकी औपचारिक घोषणा भी कर सकती है.

वित्‍त मंत्रालय के तहत काम करने वाले रेवेन्‍यू विभाग ने पीएमएलए नियमों में संशोधन करते हुए नए नियमों की नई लिस्‍ट जारी की है. सरकार ने फॉर्म 60 में ‘31 दिसंबर तक पैन और आधार नंबर सबमिट करें’ की जगह अब ‘आधार और पैन नंबर सबमिट करें’ का विकल्‍प दिया है.

पैन और आधार लिंकिंग की डेडलाइन पहले ही 3 महीने के लिए बढ़ाई जा चुकी है. पीएमएल के तहत बैंकों और फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशंस के लिए कोई भी बैंक अकाउंट खोलने के साथ ही 50 हजार और उससे ऊपर के ट्रांजेक्‍शन के लिए पैन और आधार देना जरूरी है.

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पैन और आधार को लिंक करने की डेडलाइन तो बढ़ा दी, लेकिन उसने बाकी सेवाओं को आधार से लिंक करने की डेडलाइन में कोई तब्‍दीली नहीं की. यूआईडी ने विभिन्‍न स्‍कीमों और योजनाओं को आधार से लिंक करने की तारीख में बदलाव नहीं करने के बारे में बाकायदा एक प्रेस रिलीज भी जारी की, ताकि इस बारे में लोगों की यह गलतफहमी दूर हो जाए कि सभी स्‍कीमों की डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई है.

केंद्र की इस घोषणा के बाद लोगों को अपने मोबाइल को जहां 6 फरवरी तक आधार से लिंक करना या कराना होगा, वहीं बाकी स्‍कीमों को 31 दिसंबर तक आधार से लिंक करना जरूरी है, नहीं तो उन्‍हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

यूआईडीएआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि आधार कानून लागू है और कल्याणकारी योजनाओं, बैंक खातों, पैन कार्ड और सिम कार्ड के प्रमाणन के लिए आधार जोड़ने की तमाम अधिसूचनाएं वैध और कानून सम्मत हैं.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार लगभग 41 प्रतिशत पैन को आधार से सम्बद्ध कर दिया गया है. देश में लगभग 33 करोड़ पैन कार्ड जारी किए गए हैं, जबकि आधार लगभग 115 करोड़ लोगों के बने हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पैन को आधार से जोड़ने की अवधि अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दी है.

सरकार ने एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन आधार को जोड़ने और नया पैन नंबर लेने के लिए अनिवार्य कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जून में पैन कार्ड आवंटन और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आयकर कानून के प्रावधान की वैधता को उचित ठहराया है. हालांकि शीर्ष अदालत ने संविधान पीठ द्वारा निजता के अधिकार पर फैसले तक इस पर आंशिक स्थगन दिया है.

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) निवासी भारतीयों को आधार जारी करता है. पैन नंबर आयकर विभाग देता है.