नई दिल्ली: अपने अलग अंदाज और जबरदस्त एक्टिंग से सबको अपना दीवाने बनाने वाले शशि कपूर का 79 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह काफी समय से बीमार थे।
1984 में पत्नी जेनिफर की कैंसर से मौत के बाद से ही शशि कपूर अकेले रहने लगे थे और कई बार उनकी तबीयत भी बिगड़ती गई। बीमारी की वजह से शशि कपूर ने फिल्मों से दूरी बना ली थी। साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था।
शशि कपूर को तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। 1979 में शशि द्वारा निर्मित फिल्म जुनून को बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड मिला। 1994 में फिल्म 'मुहाफिज' के लिए उन्हें स्पेशल ज्युरी अवॉर्ड।
बता दें कि शशि कपूर के सीने में इंफेक्शन से पीड़िता था, जिसके बाद कई बाइपास सर्जरी से भी उन्हें गुजरना पड़ा था।
शशि कपूर को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। उनके बचपन का नाम बनबीर राज कपूर था। शशि स्कूल में नाटकों में हिस्सा लेना चाहते थे। उनकी यह इच्छा वहां तो कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन उन्हें यह मौका अपने पिता के 'पृथ्वी थियेटर्स' में मिला।
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