बलिया : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में मंगलवार को सीएम योगी की रैली में पुलिस ने सरेआम एक महिला का बुर्का उतरवा कर जब्त कर लिया. महिला बीजेपी की कार्यकर्ता बताई जा रही है, जिसका कहना है कि वो हमेशा रैलियों में बुर्का पहन कर ही जाती है, लेकिन आज तक किसी ने उसका बुर्का नहीं उतरवाया. मुस्लिम उलेमा ने इसे गैर-कानूनी और महिला का अपमान करार दिया है. बलिया पुलिस कप्तान का कहना है कि वो मामले की जांच कराएंगे.

बलिया के रैली ग्राउंड में सायरा, सीएम योगी को सुनने आई थीं. लेकिन उन्हें बुर्का में देख तीन महिला पुलिस फौरन उनके पास पहुंच गईं और उनसे बुर्का उतारने को कहा. सायरा ने बुर्के का ऊपरी हिस्सा (जिससे सिर ढंकते हैं) उतार दिया और अपना सिर साड़ी के पल्लू से ढंक लिया. लेकिन पुलिस ने उनसे पूरा बुर्का उतारने को कहा. बता दें कि कुछ बुर्के ऐसे होते हैं जो सामने से बटन से खुलते हैं. लेकिन सायरा का बुर्का सामने से बंद था. उसे सिर से ओढ़ के पहनना पड़ता है. सायरा को सरेआम रैली की भीड़ में बुर्का उतारना पड़ा. लेकिन वो उनकी डाढ़ में फंस गया. इस पर रैली में उनके पास बैठी दूसरी महिलाओं ने उनका बुर्का खींच कर उतारा. इतना ही नहीं, इसके बाद पुरुष पुलिसकर्मी ने उनका बुर्का जब्त भी कर लिया.

सायरा के साथ पुलिस की इस सलूक पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना खालिद राशिद फिरंगीमहली ने कहा कि 'पूरी दुनिया में चाहे कितना भी आजाद ख्याल मुल्क क्यों न हो, हर एयरपोर्ट पर महिलाओं की तलाशी एक कर्टने वाले इनक्लोजर के अंदर ही होती है. रैली की भीड़ में किसी महिला का बुर्का उतरवा कर छीन लेना गैर कानूनी है. इसके लिए पुलिस वालों को सजा मिलनी चाहिए.'

बीजेपी अल्पसंख्यक सेल की अध्यक्ष रूमाना सिद्दिकी कहती हैं कि पार्टी की ऐसी सोच नहीं है. इसके लिए पुलिस वाले जिम्मेदार हैं. बलिया के पुलिस कप्तान अनिल कुमार ने पूछे जाने पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. अगर उन्हें इसका वीडियो उपलब्ध करा दिया जाए तो वो इसकी जांच कराएंगे.