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ऐक्सिस बैक और मुंबई पुलिस ने शुरू किया नया अभियान #MuhPeTaala

इंटरनेशनल फ्राॅड अवेयरनेस वीक के दौरान, ऐक्सिस बैक ने मुंबई पुलिस के सहयोग में अपना नवीनतम अभियान रुडनीच्मज्ंसं शुरू किया है। इसका मकसद सुरक्षित बैंकिंग को बढ़ावा देना है। यह अभियान लोगों को उन फर्जी काॅल्स का शिकार बनने से सुरक्षित रहने के बारे में बताता है जिसमें पिन कोड, सीवीवी, ओटीपी आदि जैसी जानकारियां मांगी जाती हैं। रुडनीच्मज्ंसं एक मंत्र है और साइबर बैंकिंग अपराधों से बचने के लिए इसका अनुसरण करना चाहिये।

इस वीडियो में मुंबई पुलिस के अधिकारी आॅनलाइन बैंकिंग के दौरान व्यक्ति द्वारा की जाने वाली महत्वपूर्ण प्रैक्टिस के बारे में विस्तार से बताते हैं और उन्हें बताया जाता है कि यदि कोई अजनबी उनकी निजी बैंकिंग जानकारी मांगे, तो उस सूरत में उन्हें क्या करना चाहिये। इसमें बताया गया है कि व्यक्ति को तब भी ओटीपी, सीवीवी, पासवर्ड जैसी जानकारियों का खुलासा नहीं करना चाहिये यदि काॅलर बैंक कर्मचारी होने का दावा करता है। यह दर्शकों को सजग करता है कि कोई भी बैंक इन जानकारियों के बारे में कभी भी नहीं पूछेगा।

सुश्री आशा खरगा, चीफ मार्केटिंग आॅफिसर, ऐक्सिस बैंक ने कहा, ‘‘हमें ‘सुरक्षित बैंकिंग‘ पर इस पहल के लिए मुंबई पुलिस के साथ जुड़कर खुशी हो रही है। हम इंटरनेशनल फ्राॅड अवेयरनेस वीक के दौरान रुडनीच्मज्ंसं अभियान शुरू करके खुश हैं। इस अभियान के पीछे मुख्य बात यह थी कि हमें अपनी कीमती चीजों को हमेशा ताले-चाबी में रखने की आदत होती है। हम अपने दरवाजों पर बड़े ताले लगाते हैं, ट्रेन की सीटों में अपने सामान को को चेन से बांधते हैं, अपने सामानों को लेकर काफी सतर्क रहते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि हम घबराहट की स्थिति में अपनी इच्छा से एक अनजाने काॅलर को सारी गोपनीय जानकारी दे देते हैं। वित्तीय फर्जीवाड़ों से खुद को सुरक्षित रखना बहुत आसान है, बस याद रखें कि अपनी बैंकिंग संबंधित किसी भी जानकारी का खुलासा किसी के सामने नहीं करें। हमें उम्मीद है कि हमारा अभियान इस संदेश को ग्राहकों तक पहुंचाने तक मददगार होगा।‘‘

आकाश दास, कार्यकारी निदेशक-लोे लिंटास ने कहा, ‘‘सुरक्षित बैंकिंग और जोखिम दूर करने के बारे में ग्राहकों को शिक्षित करने में बैंकिंग उद्योग के प्रयास काफी सराहनीय हैं। हम मुंबई पुलिस के साथ मिलकर ग्राहकों के बीच जागरुकता को बढ़ाना चाहते हैं। इस संचार का उद्देश्य निजी बैंकिंग से जुड़े प्रमुख पहलुओं का इस्तेमाल कर जन जागरुकता को बढ़ाना है-ओटीपी, एटीएम पिन, और सीवीवी जैसी जानकारियों को साझा कर ग्राहक फर्जीवाड़े के शिकार बन सकते हैं और हमारा प्रयास उन्हें इसके बारे में शिक्षित करना है। हमारे संदेश को असरदार तरीके से पेश करने के लिए, जोशुआ थाॅमस एवं प्रथमेश घरात ‘‘मुंह पे ताला‘‘ के अपने क्रिएटिव आइडिया के साथ आगे आये। इसे उस सूरत में हमेशा याद रखने के लिए डिजाइन किया गया है जब अजनबी ऐसी जानकारियां मांगते हैं जो आपके धन को जोखिम में डाल सकता है।‘‘

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