नई दिल्ली: दिल्ली का संवैधानिक बॉस कौन है? इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। शुरुआती सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि उप राज्यपाल ही दिल्ली के बॉस हैं। पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का दरवाजा खटखटाया था। गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार का पक्ष रखने के लिए अरविंद केजरीवाल ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम समेत नौ नामी वकीलों की टीम बनाई है। ये टीम पांच जजों की संविधान पीठ के सामने दिल्ली सरकार का पक्ष रखेगी।
एनडीटीवी से बात करते हुए पी. चिदंबरम ने कहा, “मुझे नहीं लगता, संविधान में उप राज्यपाल को सुप्रीम शक्ति बनाया गया है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार को शक्तिहीन इकाई बनाया गया है।” उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि नौ वकीलों के पैनल में वो भी शामिल हैं। चिदंबरम के अलावा इंदिरा जयसिंह, गोपाल सुब्रमण्यम और राजीव धवन भी इस टीम में शामिल हैं। गोपाल सुब्रमण्यम गुरुवार की सुनवाई में कोर्ट में पेश हुए थे। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार (07 नवंबर) को होगी। माना जा रहा है कि पी चिदंबरम उस दिन सुनवाई में शामिल होंगे।
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