यूपीईएस से एरोस्पेस इंजीनियरिंग के दो छात्रों-एन आदित्यन और रोहण चन्द्रा ने भारत की ओर से पौलेण्ड मार्स एनालाॅग सिमुलेशन्स (पीएमएएस) 2017 में हिस्सा लिया, जिसका आयोजन स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट ग्रुप द्वारा युरोपियन स्पेस एजेन्सी के सहयोग से किया गया था। इस अभियान में मंगल एवं चांद की सतह पर मनुष्य और रोबोट के संयुक्त संचालन का अध्ययन किया गया।

पीएमएएस 2017 के मिशन डायरेक्टर सेबस्टियन हेटरिच ने बताया कि क्या इस तरह के एनालाॅग सिमुलेशन्स वास्तव में हमें मंगल तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने इस पर चर्चा करते हुए कहा,‘‘एनालाॅग मिशन्स आमतौर पर कम लागत पर किसी अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन जैसे मंगल मिशन को अंजाम देने में मदद करते हैं। ये हमें बताते हैं कि आने वाले समय में मंगल के अंतरिक्ष यात्रियों को किस तरह की मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे हम इस तरह के मिशन को अधिक सुरक्षित एवं वैज्ञानिक रूप से अधिक प्रभावी बना सकते हैं।’’

भारतीय छात्र रोहण चन्द्रा इस मिशन में रिकाॅर्ड आॅफिसर थे। उन्होंने कहा, ‘‘रिकाॅर्ड आॅफिसर होने के नाते मुझे कई ज़िम्मेदारियां संभालनी थीं जैसे लाॅगिंग इवेन्ट, आॅक्युरेन्स, निर्देश, गतिविधियां, मंगल के आवास की स्थितियां और मिशन सपोर्ट सेंटर आदि। ये लाॅग-फाईल्स मिशन के दौरान बेहद महत्वपूर्ण होती हैं, एनालाॅग अंतरिक्ष यात्रियों को अपने कार्यों की योजना बनाने, इनका विश्लेषण करने तथा पूरे मिशन की दक्षता का विश्लेषण करने में मदद करती हैं। मेरे लिए यह शानदार अनुभव था, मुझे सर्वश्रेष्ठ संरक्षकों और संगठनों के साथ काम करते हुए बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।’’