नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शौरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को समर्थन देना उनकी भूल थी। शुक्रवार (छह अक्टूबर) को दिवंगत लेखक खुशवंत सिंह के नाम पर हो रहे साहित्य समारोह के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। शौरी ने कार्यक्रम में कहा, “मैंने कई गलतियाँ कीं….वीपी सिंह को समर्थन देकर और उसके बाद मोदी को समर्थन देकर।” शौरी ने कहा, “ये मत सोचिए कि आपके नेता सत्ता में आते ही बदल जाएंगे। उनके चरित्र को उनकी सत्यनिष्ठा के आधार पर परखिए। देखिए कि वो अपनी बातों पर कितने खरे हैं।” इससे पहले शौरी नरेंद्र मोदी सरकार और उसकी आर्थिक नीतियों की आलोचना कर चुके हैं। मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में शौरी ने नोटबंदी को कालेधन को सफेद करने वाला देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया था।

शौरी से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने भी मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली और देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति की आलोचना की थी। यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित लेख में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी करीब से देखी है इसलिए वित्त मंत्री अरुण जेटली बाकी देशवासियों को भी करीब से गरीबी दिखाना चाहते हैं।

अरुण शौरी ने कहा कि आज के नेता मैकियावेली (इटली का राजनीतिक दार्शनिक) के अनुयायी और आत्ममुग्ध हैं। उन्हें चमचागिरी पसंद है और खुद को पीड़ित बताने की आदत से पीड़ित हैं। शौरी ने कहा बीजेपी के नेता नोटबंदी के बाद खुद को पीड़ित की तरह पेश कर रहे हैं। वो कह रहे हैं, “नोटबंदी के बाद मुझे कितने जुल्म सहने पड़े।” शौरी ने मीडिया की भी आलोचना की और कहा कि उसे भी अब कोई सच नहीं बता रहा है और उसे सच पता करने के लिए नए तरीके इजाद करने होंगे। अरुण शौरी ने साल 2015 में कह दिया था कि कांग्रेस में गाय जोड़ देने पर बीजेपी बन जाती है। शौरी ने तब कहा था कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल से कमजोर प्रधानमंत्री कार्यालय देश में कभी नहीं रहा।