बिहार में हुए सृजन घोटाले के बाद अब केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली ‘कल्चरल टैलेंट सर्च स्कॉलरशिप’ में भारी घोटाले का मामला सामने आया है।

इस मामले में शुरूआती जांच के बाद साईबर क्राईम सेल के साथ-साथ विस्तृत जांच पड़ताल के लिए द्वारका सेक्टर -9 पुलिस थाना द्वारा एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है।

आरोप है कि संस्कृति मंत्रालय के अधीन चलने वाले ‘कल्चरल सोर्स एंड ट्रेनिंग सेंटर’ के एक पूर्व कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी द्वारा इस स्कॉलरशिप की रक़म छात्रों को RTGS के जरिये से वक़्त पर न भेजकर उस राशि को ग़लत तरीक़े से खुद के और अपने परिजनों के बैंक खातों में जमा कराया जाता रहा है।

यह भी आरोप है कि इस मामले में इस सेंटर के डायरेक्टर भी शामिल हैं और उनकी देख-रेख में यह घोटाले हो रहे थे।

जब इस मामले में डायरेक्टर जी.सी. जोशी से बात-चीत की तो उनका कहना था, ये सारे आरोप बेबुनियाद हैं और जब रिपोर्ट मेरे पास आएगी तो मैं उसे पढ़ूंगा।

सेंटर के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सिलवेस्टर बा बताते हैं कि, इस मामले की शिकायत खुद इस स्कॉलरशिप के लिए चुने गए छात्रों ने पीएमओ में दर्ज कराई है।

इस घोटाले का भंडाफोड़ होने के बाद भी संस्कृति मंत्रालय यहां के डायरेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि उनपर पहले से ही करोड़ों के हेरफेर का आरोप है।

ग़ौरतलब है कि इस मामले को लेकर संस्कृति मंत्रालय ने एक 3 सदस्यों की कमेटी का भी गठन किया है जिसे 05 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। साथ ही केनरा बैंक को भी कहा गया है कि वो इन सारे अकाउंट्स को फ्रीज कर ले, जिन अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर किया गया है।