नई दिल्ली: सरकार द्वारा पर्याप्त रोजगार सृजित करने में नाकाम रहने के कारण में देश में आय असामनता बढ़ सकती है। एक रिपोर्ट में इस संबंध में चेतावनी दी गई है। वित्तीय सेवा प्रदाता एमबिट कैपिटल ने अपने शोध में कहा कि बेरोजगारी और आय असामनता का मेल सामाजिक तनाव का कारण बन सकता है।
इस ओर ध्यान दिलाते हुए एमबिट ने कहा कि देश की कुल आबादी के 50 प्रतिशत निम्न आय स्तर वाले की राष्ट्रीय आय में हिस्सेदारी केवल 11 प्रतिशत है, जबकि शीर्ष 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत है। इनकी प्रति व्यक्ति आय 1,850 डॉलर है, जबकि निचले तबके के 66 करोड़ लोगों या देश की 50 प्रतिशत आबादी की प्रति व्यक्ति आय 400 डॉलर से कम है, जो कि हैरान करने वाला है।
रिपोर्ट में जोर देते हुए कहा गया कि सरकार के रोजगार सृजित करने में असमर्थ रहने के कारण असमानता बढ़ सकती है। आगे कहा गया है कि मनरेगा योजना के तहत नौकरियों की बढ़ती मांग नौकरियों की संभावना बिगड़ने का संकेत है।
Deloitte LLP रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि बेरोजगारी और असमानता के मेल के कारण अपराधों में तेजी जैसे सामाजिक तनाव में वृद्धि हो सकती है। हमारा अपना अनुभव है कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां प्रति व्यक्ति आय, राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम है और असमानता अधिक है, वहां अन्य राज्यों की तुलना में अपराध की दर ज्यादा है।
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