लास वेगास में एक संगीत महोत्सव में एक बंदूकधारी द्वारा अंधाधुंध गोलियां दागने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, लास वेगास मेट्रो पुलिस के शेरिफ जोसेफ लोमबाडरे ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस खबर की पुष्टि की। लोमबाडरे ने ज्यादा जानकारी दिए बिना हमलावर के मारे जाने की बात भी बताई। गोलीबारी शहर के मैंडाले बे कसिनो के पास रूट-91 हार्वेस्ट फेस्टिवल (संगीत महोत्सव) में रात 10.30 बजे हुई। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में सैकड़ों लोग घटनास्थल से भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। कुछ दृश्यों में गोली चलने की आवाज सुनाई दे रही है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने सीएनएन को बताया कि उसने गोलीबारी की घटना के मद्देनजर एंबुलेस को आते और कैसिनो के अंदर लोगों को जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते देखा। उसने बताया, “गैस स्टेशन पर हम किसी से मिले..एक नर्स.. वह संगीत कार्यक्रम में थीं और उन्होंने एक ऐसे शख्स का उपचार किया जिसके चेहरे पर गोली लगी थी। किसी को सीने में गोली लगी थी तो किसी को लीवर में गोली लगी थी, जिनका उन्होंने उपचार किया।” पुलिस ने कहा है उन्हें संदेह है हमलावर स्थानीय नागरिक ही है। उन्होंने कहा कि वे उसकी महिला पार्टनर को ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं।
बेकर्सफील्ड पुलिस विभाग के कई ऑफ ड्यूटी अधिकारियों ने गोलीबारी की घटना देखी। घटना में एक अधिकारी भी घायल हुआ है। लास वेगास पुलिस विभाग ने घोषणा की है कि वे फिलहाल अतिरिक्त हमलावर की तलाश नहीं कर रहे हैं। लास लेगास (नेवादा) में हिंसक घटना के मद्देनजर फेसबुक ने सुरक्षा जांच फीचर शुरू किया है, ताकि घटना वाले इलाके में मौजूद लोग अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को अपने सुरक्षित होने की जानकारी दे सकें।
गोलीबारी के कारण शहर के मैक्करन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानों पर अस्थायी रूप से रोक लगा लगाए जाने के बाद उड़ान सेवाएं सीमित रूप से फिर शुरू कर दी गई है।
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…