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आइये हम मिल बैठकर अयोध्या मसले का हल निकालें

मौलाना कल्बे जवाद ने 150 साधू संतों से की मुलाकात

लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने आज अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास, जानकी घाट के महंत जन्मेजय शरण समेत करीब 150 साधू संतों से मुलाकात कर कहा कि अयोध्या में विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने से पहले सुलह समझौते से यहां मंदिर और मस्जिद दोनों बना लिया जाए. मौलाना कल्बे जव्वाद ने अयोध्या के जन्मेजय घाट पर साधू संतों से कहा, 'अदालत में तो लड़ने के लिए जाते हैं, लेकिन साथ बैठने से मोहब्बत बढ़ती है. अयोध्या में तो हिंदू मुस्लिम मोहब्बत की बड़ी मिसाल रही है. यहां के मंदिरों में मुस्लिम आज भी पूजा के सामान की दुकान चलाते हैं.

1992 में भी यहां बाहरी लोगों ने दंगे किए लेकिन अयोध्या के हिंदुओं ने यहां के मुसलमानों की हिफाजत की. हमें अयोध्या की मोहब्बत की उस रवायत को आगे बढ़ाना है. रामजन्म भूमि मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास और जानकी घाट के महंत जन्मेजय शरण ने मौलाना कल्बे जव्वाद के प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि अयोध्या के साधू संत इसमें खुले दिल से सहयोग करेंगे.

'पिछले कुछ वक्त से मुसलमानों का एक तबका अयोध्या में झगड़े वाली जगह पर मस्जिद का दावा छोड़ देने की अपील कर रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक ने पिछले दिनों मुंबई में एक बड़े जलसे में कहा था, अगर मुसलमान सुप्रीम कोर्ट से मस्जिद के हक में मुकदमा जीत भी जाएं तो बी उस जमीन को राम मंदिर बनाने के लिए दे दें. इस तरह आप एक प्लॉट हार जाएंगे लेकिन करोड़ों दिल जीत लेंगे.'

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