लंदन। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार सेना और बौद्ध आतंकवादियों के बर्बर अपराध को नरसंहार करार दिया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के वरिष्ठ अधिकारी तिराना हसन ने कहा कि ऐसे कई सारे गवाह और सबूत मौजूद हैं जिनसे इंकार नहीं किया जा सकता कि म्यांमार की सेना और सुरक्षा कर्मियों ने राखेन प्रांत के कुछ क्षेत्रों को जला दिया है।
उन्होंने कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से किये जाने वाला यह कदम है।
वहीं दूसरी ओर एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सेटेलाइट से प्राप्त होने वाली ऐसी तस्वीरें जारी की हैं जिनसे रोहिंग्या अवाम के गांवों को जलाने के म्यांमार की सेना के अमानवीय क़दम का पता चलता है।
सेटेलाइट से प्राप्त होने वाली तस्वीरों में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि म्यांमार की बलों और बौद्ध आतंकियों ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ क्रूर अपराध कर रहे हैं। म्यांमार की लोकतांत्रिक सरकार और सेना राखेन में अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों को पीड़ित तक पहुंचने से रोक रही है।
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