नई दिल्ली: सरकारी बैंकों के विलय को कैबिनेट से सिद्धान्तिक मंजूरी मिल गई है. इस मर्जर के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का फैसला लिया गया है. इस व्यवस्था के तहत मंत्रियों का समूह बनेगा. मर्जर वाले बैंकों के नाम समूह को सौंपे जाएंगे. मंत्रियों का समूह मर्जर प्रस्ताव मंजूर करेगा. बाद में बैंक बोर्ड से मर्जर को मंजूरी मिलेगी.
बैंकों का मर्जर 4 आधार पर होगा- जैसे, एक ही इलाके वाले बैंकों का मर्जर होगा. बैंकों की एसेट क्वालिटी में तालमेल जरूरी होगा. बैंकों की कैपिटल एडिक्वेसी (पूंजी पर्याप्तता) में तालमेल जरूरी होगा. बैंकों के मुनाफे का भी ख्याल रखा जाएगा. एसबीआई, आईडीबीआई बैंक को छोड़कर सभी बैंक इस कानून के तहत आएंगे. ये मर्जर बैंकिंग कंपनीज एक्ट के तहत होगा.
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