आल इंडिया उलेमा मशाइख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने एलान किया है कि हर महीने चाँद की 12 तारीख को हर घर, मस्जिद मदरसे, हर जगह दुरूद की महफ़िल सजाई जाये और इस तारीख को ख़ास तौर से दुरूद का एहतमाम किया जाये और इस तारीख को दुरूद डे के तौर पर मनाया जाये और अल्लाह से दुनिया में अमन की दुआ कि जाये।

हज़रत किछौछवी ने कहा कि इस नफरत के दौर में अपना अपने रब से रिश्ता मज़बूत करना बहुत ज़रूरी है और इसका सबसे बेहतरीन तरीका दुरूद पढना है लोगों को इसे अमल में लाना होगा हालाँकि रोज़ ही दुरूद पढ़ा जाता है लेकिन ख़ास दिन का एहतेमाम इसलिए ज़रूरी है कि लोग इकट्टा होकर दुरूद पढ़ें और रब से मुल्क और दुनिया में अमन की दुआ करें।

उन्होंने कहा आज जिस तरह के हालात हैं उसमे अब इसके सिवा कोई चारा नहीं कि हम मोहब्बतों को आम करें और इसके लिए दिलों का नर्म होना ज़रूरी है जिसका बेहतरीन जरिया दुरूद है। आज हर तरफ दरिन्दे नज़र आ रहे हैं जो इंसानी खून के प्यासे हैं और बेगुनाहों को क़त्ल कर रहे हैं। दुनिया नफरत को नफरत से मिटाने की कोशिश में है जो संभव ही नहीं है।

हजरत ने कहा कि आल इंडिया उलेमा मशाइख बोर्ड की हर शाखा में दुरूद डे मनाया जायेगा और हम सभी से अपील करते हैं कि सब इस बेहतरीन अमल में शामिल हों और अपनी बस्ती, अपने मोहल्ले, अपनी मस्जिदों में इसका आयोजन करें।