नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती का इस्तीफा राज्यसभा के सभापति ने मंजूर कर लिया है। इससे पहले उन्होंने सभापति हामिद अंसारी से मुलाकात की और इस्तीफा मंजूर करने की गुजारिश की। हालांकि, इसके लिए मायावती को दोबारा एक लाइन का इस्तीफा तय प्रारूप में देना पड़ा। मंगलवार (18 जुलाई) को उन्होंने तीन पन्ने का इस्तीफा सौंपा था, जिसे सभापति ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इस्तीफा तय प्रारूप में नहीं है। हालांकि, राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन ने उनसे इस्तीफा वापस लेने का आग्रह भी किया था लेकिन मायावती नहीं मानीं। बता दें कि सहारनपुर हिंसा पर मंगलवार को सदन में बोलने नहीं देने पर आक्रोशित मायावती ने सदन में ही इस्तीफे का एलान कर दिया था।
61 साल की मायावती फिलहाल अपने राजनीतिक जीवन के कठिनतम दिनों से गुजर रही हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में करारी हार के बाद 2017 के यूपी विधान सभा चुनावों में भी मायावती की पार्टी की करारी हार हुई है। उन्हें सिर्फ 19 सीटों से संतोष करना पड़ा। चुनाव से पहले और बाद में भी मायावती के कई राजनीतिक साथी उनका साथ छोड़ते चले गए। धीरे-धीरे मायावती संख्या बल के लिहाज से कमजोर हो गईं। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में वोट शेयरिंग के हिसाब से मायावती की पार्टी, भाजपा (39.7%) के बाद 22.2 फीसदी वोट के साथ अभी भी दूसरे नंबर की पार्टी बनी हुई है।
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