नई दिल्ली: केजीएमयू के ट्रॉमा सेन्टर में दूसरे माले पर शनिवार रात आग लगने से हड़कम्प मच गया। कुछ देर में ही यह पूरा फ्लोर आग की लपटों से घिर गया। तबाही के इस मंजर में मरीजों व तीमारदारों की चीख-पुकार सुनाई देने लगी। आनन-फानन दमकलकर्मी और अस्पताल के कर्मचारियों की मदद से मरीजों को बाहर निकाला गया। एक दर्जन से अधिक दमकल की मदद से आग पर कुछ देर में ही काबू पा लिया गया लेकिन धुआं भर जाने की वजह से राहत कार्य में काफी देर तक दिक्कत रही। इस मंजिल पर भर्ती 200 से अधिक मरीजों को शताब्दी व मानसिक रोग विभाग में शिफ्ट कराया गया। देर रात मिली खबर के मुताबिक इस हादसे में दो नवजात समेत छह लोगों की इलाज न मिलने के कारण दूसरे अस्पतालों में ले जाते समय मौत हो गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दो बच्चों की पहले ही मौत हो चुकी थी, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से बीमार थे. उनकी मौत भी आग की वजह से नहीं हुई है. साथ ही उनका कहना है कि ट्रॉमा सेंटर के सभी मरीजों को अच्छी तरह से शिफ़्ट कर लिया गया था. प्रशासन भले ही इनकार कर रहा हो पर खबर ये भी आ रही है गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मौत ट्रॉमा सेंटर से शिफ़्ट करते वक़्त हुई है.आग पर रात में ही क़ाबू पा लिया गया था, लेकिन इसके बाद अस्पताल में पूरी रात अफ़रातफ़री का माहौल रहा. इस बीच मुख्यमंत्री अादित्यनाथ ने केजीएमयू अस्पताल का दौरान कर हालात का जायजा लिया.

उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आग लगने की घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुए लखनऊ के मंडलायुक्त को जांच का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने इस घटना को बेहद दुःखद बताते हुए घटना की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट जारी करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इसके लिए दोषी व्यक्तियों की जिम्मेदारी निर्धारित किया जाए, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके. साथ ही इस प्रकार की घटना की भविष्य में पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए भी संस्तुतियां दी जाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को वहां पर भर्ती मरीजों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए. आग बुझाने के लिए मौके पर दमकल की छह गाड़ियां पहुंचीं थीं. शुरुआती जांच में बताया जाता है कि आग एयरकंडीशनर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी और देखते ही देखते दूसरे तल पर फैल गई थी.