‘‘बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य एवं मानसिक बीमारियों के बारे में आम सोच’’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित

लखनऊ: नेशनल यूनानी डाॅक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन की एक दिवसीय संगोष्ठी ‘‘बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य एवं मानसिक बीमारियों के बारे में आम सोच’’ विषय पर लखनऊ में सम्पन्न हुई जिसमें प्रमुख प्रवक्ता डाॅ0 शाज़िया वकार सिद्दीकी, डा0 एम0 अलीम सिद्दीकी, एसोसिएट प्रोफेसर, न्यूरोसाइक्यिाट्रिक विभाग, एरा मेडिकल कालेज, लखनऊ ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

डा0 शाज़िया ने बताया कि हर बच्चा प्यार और अनुशासन से पाला जाना चाहिए। बच्चों का गलत व्यवहार को चीखकर और मारपीट कर सुधारे नहीं जा सकते बल्कि बच्चों के साथ प्यार दिखाना चाहिए, नियम का पालन कराने के लिए बड़ों को खुद भी नियम का पालन करना चाहिए और जो बात सही है उस पर कायम रहना चाहिए। अगर बच्चा बार-बार रोकर अपनी जिद पूरी करवा लेता है तो गलती बच्चे की नहीं बड़ों की है। बच्चों को सही परवरिश देने के लिए उन पर ध्यान दें, समझाइए, घर का माहौल सही रखिये, उनकी गलतियों को टोकने के बजाय उनको सही करें। पढ़ाई लिखाई की दिक्कतों मे ंउनको बुरा भला न कहें और न सबके सामने उनको जलील करें। काम करने की उपयोगिता और तरीका दोनों बतायें। कभी इनाम के द्वारा तो कभी उनकी प्यारी चीज उनसे ले लीजिये और काम पूरा होने पर ही दीजिये। टी0वी फोन, टेबलेट्स सिर्फ निर्धारित समय के लिए ही दीजिये। सकारात्मक तरीके से काम करना चाहिए।
डा0 अलीम सिद्दीकी ने बताया कि अक्सर लोगों के मन में मानसिक बीमारियो के बारे में कुछ गलत धारणा पैदा हो जाती है जिसमें सबसे आम है मानसिक बीमारी, शरीर की कमजोरी है। यह सोचने से हो जाती है। मरीज खुद और समाज के लिए खतरा है। जिन्दगी में अगर सब कुछ अच्छा चल रहा हो तो हमे मानसिक बीमारी नहीं हो सकती। एक बार बीमार हो गये तो कभी ठीक नहीं हो सकते। दवा एक बार शुरू होने के बाद जिन्दगी भर खानी पड़ेगी। दवा के बहुत भयानक साइड इफेक्ट होते हैं बल्कि ऐसा कुछ भी नहीं है। मानसिक बीमारी किसी को भी कभी भी हो सकती है। इसका बहुत सफल इलाज है। मानसिक बीमारी को भी अन्य बीमारी की तरह समझे। इसे अभिशाप न बनाये।

डा0 मोइद राष्ट्रीय अध्यक्ष नुडवा ने कहा कि आजकल भागदौड़ की जिन्दगी में अपने आपको रिलैक्स रखें और रोज व्यायाम करें जिससे आपका स्वास्थ्य ठीक रहे। मानसिक रोग से मुक्त रहें। डा0 राशिद इकबाल अध्यक्ष नुडवा लखनऊ ने कहा कि आजकल लगभग हर व्यक्ति तनाव के दौर से गुजर रहा है यह तनाव कभी कभी डिप्रेशन में बदल जाता है। अपने आपको स्वस्थ रखें कभी इस तरह की दिक्कत आये तो पहले डाक्टर से सम्पर्क करें। डा0 नाजिर अब्बास महासचिव नुडवा लखनऊ ने बताया कि हम तनाव की स्थिति में होते हुए भी डाक्टर से सलाह लेने में संकोच करते हैं और बीमारी को बढ़ावा देते हैं। अगर आपको लगे कि हमें मानसिक दिक्कत हो रही हो तो डाक्टर की सलाह जरूर लें। यह गलत धारणा बन गई है कि डाक्टर की सलाह लेने से उनके साथी और रिश्तेदार क्या साचेंगे।

इस संगोष्ठी में प्रमुख रूप से डा0 अशरफ, डा0 अलाउद्दीन, डा0 निहाल, डा0 रईस, डा0 अतीक अहमद, डा0 सबीहा मोईद, डा0 रूशी नाज, डा0 सलमान खालिद, डा0 मुज्तबा उसमानी, डा0 आसिफ अली, डा0 अहमद रजा, डा0 सैफ प्रमुख रूप से मौजद रहे।