नई दिल्ली: भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया है. बताया जा रहा है कि लाइसेंस हासिल करने को लेकर बीपीसीएल ने तेज प्रताप को एक नोटिस भेजा था जिसका वह उचित जवाब नहीं दे सके. इस वजह से यह कदम उठाया गया है. इस मामले में बीपीसीएल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

बीपीसीएल 31 मई को तेज प्रताप को नोटिस भेजा था और इस संबंध में जवाब मांगा था कि उन्होंने लाइसेंस कैसे हासिल किया. उनसे 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया था.

रिपोर्टरों से बात करते हुए तेज प्रताप के भाई और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि वे इस संबंध में जल्द ही अधिक जानकारी देंगे. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि इस मुद्दे पर एकतरफा कार्रवाई क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि सच जल्द ही सामने आएगा.

पिछले दिनों भाजपा नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि यूपीए-2 सरकार में तेज प्रताप ने यह पेट्रोल पंप फर्जी दस्तावेजों की मदद से हासिल किया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आरोप लगाया था कि अप्लाई करते वक्त तेज प्रताप के पास पेट्रोल पंप के निर्माण के लिए तय 43 डिसमिल जमीन भी नहीं थी.

उन्होंने कहा था कि साल 2012 में एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित कट्याल ने लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को पेट्रोल पंप के लिए 136 डिसमिल जमीन लीज पर दी थी.