घर खरीदना, विशेष रूप से पहली बार घर खरीदना बेहद मुश्किल हो सकता है। और हो भी क्यों न, आखिर यह आपके जीवन का सबसे महंगा फैसला होता है और आपको सालों इसी में अपनी ज़िन्दगी बितानी होती है।

घर खरीदते समय आप कई चीज़ों पर ध्यान देते हैं, लेकिन अक्सर लोकेशन और सुविधाओं को सबसे ज़्यादा महत्व दिया जाता है। हो सकता है कि आप अच्छी लोकेशन में घर खरीदने के लिए ज़्यादा पैसा देने के लिए भी तैयार हों। लेकिन कहना करने से कहीं आसान होता है। आपके द्वारा लिया अंतिम फैसला फायदे या नुकसान का सौदा हो सकता है। बड़े शहरी केन्द्रों में ज़्यादातार किफ़ायती सम्पत्तियां नहीं होतीं।
आप किसी बड़े महानगर के बाहरी इलाके में कम कीमत पर घर खरीद सकते हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़कें, स्कूल, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि की कमी होती है। रीयल एस्टेट कम्पनियां यह सोच कर इन क्षेत्रों में अपने प्रोजेक्ट्स बनाती हैं कि आने वाले समय में यह क्षेत्र विकसित हो जाएगा। घर खरीदने वाले भी इसी उम्मीद में होते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर वह क्षेत्र विकसित ही न हो क्या होगा?

जगह की कमी आज शहरों में बड़ी समस्या बन चुकी है। कई नई और मौजूदा रिहायशी परियोजनाओं के बावजूद लोगों के लिए अपने सपनों का घर खरीदना बेहद मुश्किल होता है। अक्सर खरीददार को या तो बजट के साथ या लोकेशन के साथ समझौता करना ही पड़ता है। सम्पत्ति खरीदते समय वे अपनी पसंद के साथ तो समझौता करते ही हैं, साथ ही उन्हें अपने निवेश के जोखिम में पड़ने की चिंता भी सताती रहती है।
एक अनुमान के अनुसार 2030 तक भारत की शहरी आबादी 590 मिलियन के आंकडे़ पर पहुंच जाएगी, ऐसे में आवास सुविधाओं की कमी लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अनुमानित कमी को दूर करने के लिए 2030 तक हर साल 700-900 वर्ग फीट का निर्माण करना होगा। अनुसंधान एवं परामर्श फर्म त्छब्व्ै के द्वारा पेश किए गए ‘व्हाईट पेपर-इण्डियन हाउसिंग इन्डस्ट्री’ के अनुसार, उम्मीद की जा रही है कि देश में शहरी आवाास की कमी 2022 तक 34.1 मिलियन युनिट्स के आंकड़े पर पहुंच जाएगी।

विस्तृत होते शहरों के साथ अचल सम्पत्ति की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं, साथ ही घरों की मांग भी तेजी से बढ़ती जा रही है। आज का खरीददार केवल घर ही नहीं खरीदना चाहता, बल्कि आधुनिक जीवनशैली भी चाहता है। अच्छे घर और आधुनिक बुनियादी सुविधाओं की तलाश शहरी सीमाओं को बाहरी इलाकों की ओर धकेल रही है।

लखनऊ की समृद्ध ऐतिहासिक धरोहर और आधुनिक जीवनशैली के बीच तालमेल बनाते हुए एमार इण्डिया द्वारा पेश की गई गोमती ग्रीन्स 300 एकड़ में फैली, सुरक्षित, मास्टर-प्लान से युक्त गेटेड समुदाय है। पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन के साथ यह सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त है जो अपने निवासियों को सही मायनों में सांस्कृतिक जीवनशैली का अनूठा अनुभव प्रदान करती है। मनोरंजन सुविधाओं से युक्त प्रीमियम क्लबहाउस तथा 33 एकड़ में फैला हरित क्षेत्र, बच्चों के लिए समर्पित प्ले एरिया, जाॅगिंग टैªक इसे उन लोगों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं जो अपने लिए लक्ज़री जीवनशैली की तलाश में हैं।

यह एक ऐसी इंटेग्रेटेड टाउनशिप है जो जोखिम रहित विकल्प पेश करती है। इतना ही नहीं, इंटेग्रेटेड टाउनशिप में रहना आधुनिक जीवनशैली का बेहतरीन अनुभव प्रदान करता है, साथ ही ये सम्पत्तियां निवेशक को स्टैण्डअलोन सम्पत्ति की तुलना में बेहतर रिटर्न भी देती हैं। सामुदायिक रिहायशी परियोजनाएं और इंटेग्रेटेड परियोजनाएं आज लोगों की जीवनशैली में ज़बरदस्त बदलाव ला रही हैं।

इंटेग्रेटेड टाउनशिप्स ऐसी इमारतें हैं जो बड़े शहरों में छोटे टाउनशिप्स की तरह हैं और अपने निवासियों को अत्याधुनिक जीवनशैली के साथ सभी सुविधाओं को बेजोड़ अनुभव प्रदान करती हैं।

सैंकड़ों एकड़ में फैली ये इंटेग्रेटेड टाउनशिप्स अपने आप में सम्पूर्ण होती हैं। ये शहरी केन्द्रों की तरह सभी सुविधाओं से युक्त हैं जैसे कार्यालय, शाॅपिंग माॅल, सिनेमा, स्कूल, अस्पताल आदि। कुछ में तो पुलिस और फायर स्टेशन भी होते हैं। ये हरित वातावरण में बसी होती हैं और निवासियों को प्राकृतिक वातावरण का अनूठा अहसास देती हैं। ऐसे में ये उचित लागत, आराम, सुविधा तथा आधुनिक जीवनशैली का बेहतरीन संयोजन हैं।

पार्क, हरे-भरे बगीचे, जाॅगिंग टैªक और ख्ेाल के मैदान इन्हें और अधिक आकर्षक बनाते हैं। घर खरीदने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है- सिक्योरिटी। इंटेग्रेटेड टाउनशिप्स सिक्योरिटी पर विशेष ध्यान देती हैं। 24/7 काम करने वाले इलेक्ट्रोनिक सिक्योरिटी सिस्टम के अलावा हर गेट पर सिक्योरिटी गार्ड भी मौजूद रहते हैं।

ये टाउनशिप्स अपने निवासियों को महानगरीय जीवनशैली का बेहतरीन अनुभव देती हैं। काॅमर्शियल एवं रिहायशी स्पेस के साथ ये काम और जीवन के बीच संतुलन बनाने में मदद करती हैं। ‘पैदल दूरी पर कार्यस्थल’ की संस्कृति के साथ ये रोज़ाना काम के लिए लम्बी यात्रा, टैªफिक जाम और भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से छुटकारा दिलाती हैं। इस तरह व्यक्ति अपने व्यक्तिगत जीवन के लिए समय निकाल सकता है, साथ ही रोज़ाना की यात्रा में खर्च होने वाले पैसे की भी बचत होती है। इसके अलावा प्राकृतिक वातावरण निवासियों को शहर के सभी फायदों के साथ कन्ट्रीसाईड जैसा अनुभव देता है। यह आरामदायक, सुरक्षित, सुविधाजनक शहरी जीवनशैली का अनुभव देती है।

बड़ी संख्या में लोग आज टाउनशिप्स में घर किराए पर लेना पसंद करने लगे हैं। ऐसे में इन सम्पत्तियों से किराए के रूप में अच्छी रिटर्न की सम्भावना बढ़ जाती है। स्टैण्ड-अलोन सम्पत्ति की तुलना में इनसे आने वाली किराए की आय 35 फीसदी तक अधिक होती है।