नई दिल्ली: अपनी कार से लाल बत्ती हटाने से इंकार करने वाले मौलाना बरकती को टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम के पद से हटा दिया गया है। मस्जिद के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने ये फैसला किया है। अंग्रेजी वेबसाइट द हिन्दू के मुबातिक शनिवार देर रात कोलकाता के टीपू सुल्तान मस्जिद के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने ये फैसला किया। बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के प्रमुख शाहजादा अनवर अली ने कहा कि देश विरोधी टिप्पणी को देखते हुए बोर्ड ने उन्हें शाही इमाम के पद से हटाने का फैसला किया है। मस्जिद प्रबंधन का मानना है कि बरकती ने ऐसा बयान देकर मुसलमानों की भावना को ठोस पहुंचाया है। हालांकि इस मामले में मौलाना बरकती से अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकती है।

इससे पहले बरकती को कोलकाता प्रशासन ने अपनी कार से लाल बत्ती हटाने को कहा था, लेकिन बरकती ने कहा था कि उसने अपनी इच्छा से लाल बत्ती हटाई है और उस पर किसी का कोई दबाव नहीं है। यहां के लोगों का कहना है कि बरकती द्वारा केन्द्र सरकार के आदेश को ना मानने की खुली चुनौती दे देने के बाद प्रशासन के सामने ये बड़ा प्रश्न था कि बिना कानून व्यवस्था का मसला पैदा किये मौलाना की कार से लाल बत्ती हटाई जा सके। बता दें कि मौलाना बरकती कई बार पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ देखे गये थे, और उन्होंने ये भी कहा था कि ममता बनर्जी ने उनसे अपनी कार से लाल बत्ती नहीं हटाने को कहा है। बरकती के इस रवैये का कई मुस्लिम संगठनों ने भी विरोध किया था। शनिवार (13 मई) को कुछ मुस्लिम संगठनों ने बरकती के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था।

हालांकि कल शाम होते होते ही बरकती ने अपनी कार से लाल बत्ती हटा ली थी। इससे पहले बरकती ने कहा था कि, ब्रिटिश सरकार उन्हें लाल बत्ती देकर गई है और वे किसी कीमत पर अपनी कार से लाल बत्ती नहीं बटाएंगे। उन्होंने कहा कि वे केन्द्र सरकार के आदेश को नहीं मानते हैं। जब विवाद बढ़ा तो उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया गया। इसमें आरोप लगाया गया कि केन्द्र का आदेश ना मानने के लिए उन्हें गिरफ़्तार किया जाए। बरकती ने कहा था कि ये FIR उनके लिए पुरस्कारस्वरुप हैं। इसके बाद मौलाना बरकती ने कहा कि अगर पीएम और उनके कैबिनेट के मंत्री अपना सुरक्षा कवर हटा देते हैं वे भी अपने कार से लाल बत्ती हटा देंगे।