नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार कहा कि हाल के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल हुई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ होने को साबित करने के लिए वह राजनीतिक दलों को एक अवसर देगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने राजनीतिक दलों की एक बैठक में कहा कि इस सिलसिले में एक चुनौती पेश किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, हालांकि ईवीएम के साथ वीवीपीएटी (वोटर वेरीफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल) प्रणाली पूरी विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी तथा सभी विवादों को खत्म करेगी लेकिन आयोग बैठक के बाद एक चुनौती रखेगा। जैदी ने कहा, आयोग राजनीतिक दलों को यह प्रदर्शित करने का अवसर देगा कि हालिया चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम से छेड़छाड़ हुई थी या चुनाव के दौरान सख्त तकनीकी और प्रशासनिक सुरक्षा होने के बावजूद ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है।

हालांकि, उन्होंने बैठक की शुरुआत में घोषित प्रस्तावित चुनौती के लिए कोई तारीख नहीं बताई। जैदी ने यह भी कहा कि आयोग का कोई पसंदीदा नहीं है और यह सभी पार्टियों से समान दूरी रखता है। उन्होंने कहा कि आपको इस बात से सहमत होना चाहिए कि चुनाव आयोग का कोई पसंदीदा नहीं है हम सभी पार्टियों और समूहों से समान दूरी बना कर रखते हैं। यह हमारा संवैधानिक और नैतिक कर्तव्य है कि हम 56 राजनीतिक दलों (सात राष्ट्रीय और 49 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त पार्टियां) द्वारा हमारे चारों ओर खींचे गए वत्त के केंद्र बिंदु में रहे।