नई दिल्ली: केरल के कन्नूर​ जिले में नीट परीक्षा देने गई छात्राओं के इनरवियर चेक करने और जींस उतारने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इसे मानवाधिकार उल्लंघन का मामला बताया है.

इस संबंध में आयोग ने सीबीएसई क्षेत्रीय निदेशक से तीन हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है. साथ ही कन्नूर जिला पुलिस प्रमुख को तीन हफ्तों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है. बता दें कि राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामला दर्ज कर लिया है. वहीं, मामले को तूल पकड़ता देख चार शिक्षकों को स्कूल से निकाल दिया गया है.

रविवार को कन्नूर जिले में नीट परीक्षा देने गईं छात्राओं ने आरोप लगाया था कि जबरदस्ती उनके इनरवियर चेक किए गए और जींस उतारने को मजबूर किया गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि मेटल डिटेक्टर से स्कैनिंग के वक्त पिन और बटन होने के कारण बीप कर रहा था. इस हरकत पर लोगों ने नाराजगी जताई है.

एक छात्रा के पिता राजेश ने बताया कि परीक्षा से पहले उनकी बेटी से टॉप उठाकर जांच करवाने और जींस पहनने की इजाजत न देने से काफी परेशान हो गई थी. उसके पिता ने कहा जब उनकी बेटी ने बटन हटा दिए और दोबारा जांच किया गया तो अब पॉकेट को लेकर आपत्ति की गई. राजेश को 4 किमी. दूर अपने घर दोबारा जाकर अपनी बेटी के लिए लेगिंग्स लेकर आनी पड़ी.

उसके पिता ने ये भी आरोप लगाया कि उन्‍होंने कई छात्रों को अपने अंत:वस्त्रों को अपनी मांओं को गेट पर सौंपते भी देखा. हालांकि अभी तक इस बारेे में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है.

इसके अलावा तमिलनाडु में नीट परीक्षा में पहली बार शामिल हुए कई छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश से जुड़ी पर्याप्त जानकारी नहीं थी. इस कारण कुछ छात्रों को अपनी कमीज की आस्तीन छोटी करवानी पड़ी और अपने जूते छोड़ने पड़े. पूरी आस्तीन की शर्ट पहनकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचे कई छात्रों को कैंची से कमीज की बांह काटनी पड़ी. कई छात्रों को अपना जूता छोड़ना पड़ा और उन्होंने अपने अभिभावक का सैंडल पहनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश किया. लड़कियों को भी बाल में लगाने वाले अपने पिन, बैंड और कान की बाली, नाक की पिन जैसे आभूषणों को उतारना पड़ा.