नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कहा है कि अगला आम चुनाव यानी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में पूरी तरह से प्रिंटर वाली ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। आयोग ने 16 लाख वीवीपेट बनाने के लिए दो सरकारी कपंनियों को आदेश दे दिया है।

इस आश्वासन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ चल रहे कोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले को बंद कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में आयोग को आदेश दिया था कि मशीनों में प्रिंटर लगवाया जाए ताकि लोगों को यह पता लग सके कि उनका वोट जिस दिया गया है उसे ही गया है। इस आदेश का पालन न होने पर आयोग के खिलाफ अवमानना याचिका डाली गई थी।

सुनवाई करते हुए जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने पिछली सुनवाई पर आयोग से कहा था कि वह रिकॉर्ड पेश करे कि वह कितने समय के अंदर वीवीपेट लगवा देगा। आयोग ने कहा कि उम्मीद है कि सितंबर 2018 तक सभी वीवीपेट मशीनें उपलब्ध हो जाएंगी और उन्हें मार्च 2019 में होने वाले आम चुनावों में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
आयोग ने कहा कि देश में 10 लाख पोलिंग बूथ हैं और उनके लिए इतनी ही संख्या में वीवीपेट चाहिए। लेकिन कुछ रिजर्व में भी रखनी पड़ती हैं इसलिए 16 लाख वीवीपेट बनाने का आदेश दिया गया है। वीवीपेट का निर्माण बीईएल बैंगलोर और इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन आफ इंडिया लि. करेगा। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने आयोग को वीवीपेट के लिए 3000 करोड़ रुपये जारी कर दिए थे।