लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण में होने वाले बदलावों से हम सभी प्रभावित होते हैं। स्वस्थ समाज के लिए संतुलित पर्यावरण अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने की जिम्मेदारी हम सबकी है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम हर तरह के प्रदूषण पर लगाम लगाएं। उन्होंने जल तथा वायु में मौजूद प्रदूषण को जन स्वास्थ्य के लिए घातक बताते हुए इस पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण भी एक बहुत बड़ी समस्या है। इस पर भी नियंत्रण की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां शास्त्री भवन में पर्यावरण विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने पाॅलीथीन बैग्स के उपयोग पर प्रभावी प्रतिबन्ध लगाने की आवश्यकता पर बल देने के साथ-साथ शहरों में व्याप्त प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कहा।

श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थापित किये गये उद्योगों से होने वाले जल प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए। उनके द्वारा नदियों में पहुंचाये जा रहे प्रदूषित जल तथा अन्य उत्प्रवाह को हर हाल में रोका जाए, अन्यथा नदियों में मौजूद जलचरों के साथ-साथ मनुष्यों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री को पर्यावरण विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया कि यह विभाग पर्यावरणीय अनापत्ति प्रदान करने के साथ-साथ उद्योगों की स्थापना/संचालन हेतु सहमति प्रदान करने के साथ-साथ नदियों की जलगुणता एवं प्रमुख शहरों की वायुगुणता का भी अनुश्रवण करता है। अधिकारियों द्वारा पर्यावरण विभाग के तहत आने वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यकलापों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि इसके द्वारा आॅनलाइन कन्सेन्ट मैनेजमेन्ट एण्ड माॅनीटरिंग सिस्टम की स्थापना की गयी है। उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण विभाग द्वारा राज्य पर्यावरण नीति बनाया जाना प्रस्तावित है। साथ ही, उद्योगों में क्लीन फ्यूल के प्रयोग को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, प्रदूषण की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने के साथ-साथ कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने पर प्रतिबन्ध लगाने की दिशा में भी प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।

प्रस्तुतिकरण देखने के उपरान्त श्री योगी ने पर्यावरण विभाग को निर्देशित किया कि पर्यावरण को सन्तुलित एवं साफ-सुथरा बनाने के लिए प्रभावी कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को इसकी रोकथाम किए जाने के सभी प्रयास सुनिश्चित करें। रोकथाम न होने पर सख्त कार्रवाई की जाए।