सीड ने सरकार से अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ वायु कार्ययोजना को प्राथमिकता देने की मांग रखी

लखनऊ:: सेंटर फाॅर एन्वाॅयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने कई सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मिल कर उत्तर प्रदेश सरकार से राज्य में एक स्वस्थ व सततशील विकास से संबंधित रोडमैप के निर्माण के लिए अपील की। यूपी में ऊर्जा की भारी कमी और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सीड ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह प्राथमिकता के आधार पर अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देनेवाली और स्वच्छ वायु कार्ययोजना (क्लीन एयर एक्शन प्लान) से जुड़ी नीतियों का निर्माण करे। सीड और इसके सहयोगी सिविल सोसायटी संगठनों ने राज्य सरकार द्वारा आगामी अक्तूबर 2018 तक ‘सभी लोगों तक बिजली’ के लक्ष्य से संबंधित हाल में उठाये गये कदम का स्वागत भी किया।

जलवायु परिवर्तन से पैदा होनेवाली चुनौतियां और पर्यावरण संकट लगातार गंभीर होते जा रहे हैं और उत्तर प्रदेश इस आसन्न संकट का सबसे गंभीर भुक्तभोगी है। आंकड़े इन्हीं समस्याओं को प्रदर्शित करते हैं। देश में सर्वाधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन उत्तर प्रदेश में होता है और कुल ग्रीनहाउस उत्सर्जन में इसका हिस्सा 14 प्रतिशत से अधिक है। वायु प्रदूषण के मामले में उत्तर प्रदेश के चार शहर देश के सर्वाधिक 20 प्रदूषित शहरों में शुमार होते हैं। इसके अलावा करीब 54 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 10 फीसदी शहरी आबादी यानी करीब 8.5 करोड़ लोग अब भी आधुनिक बिजली का इंतजार कर रहे हैं। देश की सबसे पवित्र दो नदियों – गंगा व यमुना में उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से सबसे ज्यादा प्रदूषित गंदगी डाली जाती है, वहीं राज्य में अपशिष्ट प्रबंधन कार्य लगभग नगण्य है।

उत्तर प्रदेश में ऊर्जा परिदृश्य का खुलासा करते हुए सीड के डायरेक्टर-प्रोग्राम श्री अभिषेक प्रताप ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश अभी भयावह ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है। यहां पीक पावर डेफिसिट 15 प्रतिशत है और देश में जम्मू-कश्मीर के बाद यह दूसरी सर्वाधिक बिजली कमी है। यह खाई और भी गहरी हो सकती है, अगर दीर्घकालिक सततशील एक्शन प्लान को तैयार कर लागू नहीं किया गया। राज्य सरकार ने बढ़ते बिजली संकट से निबटने और आपूर्ति को सुगम और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए सराहनीय कदम उठाये हैं। हालांकि राज्य को अक्षय ऊर्जा प्रणाली पर आधारित विकेंद्रीकृत तरीके से बिजली उत्पादन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैं, जिसमें शहरी इलाकों के लिए सोलर रूफटाॅप और ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रो/मिनी ग्रिड जैसे उपाय शामिल है और ये ‘‘सभी लोगों तक ऊर्जा उपलब्धता’’ और शहरों को पर्याप्त ऊर्जा संपन्न बनाने में कारगर सिद्ध होंगे। यूपी में सौर, बायोमास और लघु पनबिजली जैसे अक्षय ऊर्जा संसाधनों के दोहन की भरपूर संभावनाएं है, जिससे आगामी वर्षों में सभी तक बिजली के लक्ष्य को वास्तविकता में तब्दील किया जा सकता है।’

श्री प्रताप ने आगे बताया कि ‘विधानसभा चुनाव से पहले सीड ने सैकड़ों सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मिल कर ‘‘100 प्रतिशत यूपी’’ अभियान चलाया था। अभियान का मकसद सभी राजनीतिक पार्टियों को यूपी में स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण के लिए प्रतिबद्धता जाहिर कराना था। भाजपा ने उत्साहजनक ढंग से नदियों को साफ करने, स्वच्छ और सततशील तरीकों से सभी तक बिजली पहुंचाने और सभी शहरों में सततशील अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य करने की प्रतिबदद्धता जतायी थी। हम सरकार से इन वायदों पर काम करने और इन्हें कुशलता से पूर्ण करने की आशा रखते हैं और इसके लिए सीड सरकार के साथ काम करने और हरसंभव मदद देने को तैयार है।’