जस्‍प्रुेडेंशिया की नेशनल कांफ्रेंस में बड़ी संख्‍या में छात्रों ने प्रस्‍तुत किए शोधपत्र

लखनऊ: मानवाधिकारों का हनन आज दुनिया में सबसे ज्‍यादा चर्चित मुद्दा है और यह सही भी है कि दुनिया के अलग अलग हिस्‍सो में मानवाधिकारों के उल्‍लंघन की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में जरूरी यह है कि इस तरह की घटनाएं रुकें। किसी भी सभ्य समाज में मानवाधिकारों का हनन किसी भी रूप में उचित नहीं है। उक्‍त विचार उत्‍तर प्रदेश की परिवार कल्‍याण, महिला कल्‍याण और पर्यटन मंत्री प्रो. रीता बहुगुणा जोशी ने न्‍याय के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्‍था "जस्‍प्रुडेंशिया" की ओर से जाने माने विधिवेत्‍ता पंडित कन्‍हैया लाल मिश्रा के नाम से प्रथम मानवाधिकार नेशनल कांफ्रेंस में मुख्‍य अतिथि के रूप में व्‍यक्‍त किए।

मंत्री प्रोफेसर जोशी ने कहा कि मानवाधिकारो का हनन लोग अक्‍सर खुद को बड़ा साबित करने की कोशिश करने के लिए करते हैं जबकि सच यह है कि किसी के अधिकारों का हनन करके कोई बडा नहीं होता। बड़प्‍पन उनके कार्य और चरित्र से होता है। इस अवसर पर विशिष्‍ट अतिथि के रूप में प्रदेश के विधि और न्‍यायमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमारी सरकार समाज में सबको न्‍याय और समता का अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। मानवाधिकारों का हनन रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी लेकिन यह काम सबको मिलकर करना होगा, तभी हमारा समाज अच्‍छा कहलाएगा।

एमिटी इंटरनेश्‍ानल स्‍कूल ऑडिटोरियम में आयोजित उक्‍त कांफ्रेंस की अध्‍यक्षता करते हुए डॉ शकुंतला मिश्रा राष्‍ट्रीय पुनर्वास विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर निशीथ राय ने कहा कि मानवाधिकारों का हनन सरकार नहीं रोक सकती। इसके लिए समाज के हर व्‍यक्‍ति को खुद आगे आना होगा। इससे पहले बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्‍वविद्यालय की मानवाधिकार विभाग की अध्‍यक्ष और डीन प्रोफेसर प्रीति सक्‍सेना ने काफ्रेंस का विषय प्रवर्तन किया। जस्‍प्रुडेंशिया के संस्‍थापक अध्‍यक्ष और कांफ्रेंस के मुख्‍य संयोजक शुभम त्रिपाठी ने अतिथियों का स्‍वागत किया और उन्‍हें स्‍मृतिचिह्न भेंट किए। कांफ्रेंस में कई प्रोफेसरों, शोधछात्रों और विभिन्‍न विषयों के छात्रों ने अपने अपने शोधपत्र प्रस्‍तुत किए और प्रश्‍नोत्‍तर काल में सवालों के जवाब दिए। समापन सत्र में मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्य कर रहीं जानी मानी लेखिका शालिनी माथुर, वरिष्‍ठ पत्रकार योगेश मिश्र और शकुंतला मिश्रा राष्‍ट्रीय पुनर्वास विवि के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शैल शाक्‍य ने अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए शोधपत्र प्रस्‍तुत करने पर प्रथम द्वितीय और तृतीय स्‍थान पाने वाले प्रतिभागियों को पुरस्‍कृत किया। काफ्रेंस को सफल बनाने में जस्‍प्रुडेंशिया की टीम के सदस्‍यों अश्‍वनी सिंह, कौस्‍तुभ मिश्रा, उत्‍कर्ष मिश्रा, गौरव शुक्‍ला, रितु सक्‍सेना, नैन्‍सी श्रीवास्‍तव, सृजन सिन्‍हा, अभिषेक प्रताप सिंह, शिवम तिवारी, मनीष मिश्रा, गौरव पाण्‍डेस, संजीव वर्मा, रजत पाण्‍डेय, निधि जायसवाल, देवानंद पाण्‍डेय, आशीष सिंह परिहार, सर्वेश कुमार सेन, अनुभव निरंजन, शिवम त्रिपाठी आदि का उल्‍लेखनीय योगदान रहा।