नई दिल्ली: नेशनल और स्टेट हाईवे से शराब की दुकानें हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाखों नौकरियों पर संकट मंडराने लगे हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद से होटल इंडस्ट्री में 10 लाख लोगों की नौकरी पर संकट आ सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से हाईवे किनारे शराब बिक्री पर रोक लगा दी है, जिसके बाद हाईवे से 500 मीटर की दूरी तक रेस्त्रां और होटल भी अब शराब नहीं परोस सकेंगे।

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, इस आदेश की जद में शराब की दुकानों समेत राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे के किनारे बने रेस्त्रां और होटल भी हैं। नेशनल रेस्त्रां एसोसिएशन के प्रमुख रियाज अमलानी ने कहा कि हम इस बात का अनुमान लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस आदेश के बाद कितने रेस्त्रां और होटल प्रभावित होंगे।

फेडरेशन ऑफ होटल्स और रेस्त्रां एसोसिएशन की लीगल कमेटी के सदस्य प्रदीप शेट्टी कहते हैं कि महाराष्ट्र में लगभग 2 हजार होटल और 10 हजार रेस्त्रां आदेश के बाद से प्रभावित होंगे। शेट्टी ने ये भी कहा है कि एक इंडस्ट्री के तौर पर हम इस आदेश से सकते में हैं। महाराष्ट्र, असम और तमिलनाडु में एक ऐसी राय बन रही है कि बैन सिर्फ शराब की दुकानों पर होना चाहिए, होटल और रेस्त्रां पर नहीं। इससे 40 प्रतिशत के राजस्व पर असर पड़ेगा।

उन्होंने ये भी कहा कि इस फैसले के बाद से लगभग 10 लाख कर्मचारियों के रोजगार पर असर पड़ेगा। दिल्ली-एनसीआर के ट्राइडेंट और लीला जैसे होटल्स हाईवे के करीब हैं और इनपर भी इस फैसले का असर पड़ेगा।

हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर रोक संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबसे ज्यादा असर एनसीआर पर पड़ा है। यहां 170 से ज्यादा पब और बार ठप हो गए हैं। करीब 90 शराब की दुकानों पर भी ताले लग गए हैं। बड़े होटलों का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। इस कारण सैकड़ों लोगों के रोजगार पर संकट गहरा गया है।

उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि दिल्ली व एनसीआर में इस निर्णय का असर होटल व रेस्टोरेंट उद्योग पर काफी अधिक पड़ेगा। इस निर्णय से सिर्फ दिल्ली व एनसीआर में 100 करोड़ से अधिक का नुकसान होगा। जिला आबकारी अधिकारी कुलदीप यादव ने बताया कि एक माह पहले इन दुकान मालिकों को नोटिस जारी कर 31 मार्च तक दुकान बंद करने का वक्त दिया गया था। साथ ही, दूसरी जगह दुकान शुरू करने की जानकारी मांगी गई थी।