नई दिल्ली: दुनिया का सबसे बड़ा हैकाथॉन, ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन’ शनिवार से देश के 26 जगहों पर शुरू हुआ। ‘स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस कार्यक्रम में करीब 10,000 स्टूडेंट्स 598 समस्याओं का डिजिटल समाधान करने की कोशिश की। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा किसी की नौकरी करने से ज्यादा ऐसा बनना चाहता है कि किसी की नौकरी करने से ज्यादा वो दूसरे को नौकरी दे सके। उन्होंने युवाओं से कहा कि सपने देखने की क्षमता हर किसी में होती है..सपनों को संकल्प में बदलने की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के संकल्प ऐसे भी होते हैं, जो अनेक लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं। जो जीत का संकल्प लेकर चलता है वो जूझना भी जानता है और वही सफल होता है। मोदी ने कहा कि आविष्कार के रास्ते में कई बार आपको असफलता मिल सकती है लेकिन हार नहीं माननी है।

मोदी ने कहा कि इतिहास उन्हीं के लिए लिखा जाता है जो चली आ रही परंपरा में बदलाव लाते हैं। पीएम मोदी ने युवाओं से कहा कि तकनीक की मदद से कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिला है। तकनीक ने दुनिया को छोटा करने के साथ ही सुविधाओं को बढ़ाने में मदद की है। सूचना तकनीक की मदद से हम समाज में बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। सब समस्या का समाधान हमसब मिलकर ही कर सकते हैं। जो सरकार में नहीं है उनमें भी प्रतिभा होती है। अपने संबोधित के बाद पीएम मोदी ने छात्रों से बातचीत की। सभी पुणे के छात्रों ने पीएम मोदी ने उनके प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली और अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान गुजरात के एक छात्र को मोदी ने कहा कि गुजरात में बोलने की पूरी छूट है। छात्रों ने इस दौरान पीएम मोदी के समक्ष अपने प्रोजेक्ट से संबंधित समस्याओं के बारे में बताया।