नई दिल्ली: दुनिया में सर्वाधिक तेजी के साथ अर्थव्यवस्थाओं में विकसित हो रहे भारत में आज भी सात फीसदी ग्रामीण जनसंख्या स्वच्छ जल से वंचित है। यह जानकारी आज विश्व जल दिवस के मौके पर विश्व में जल की स्थिति पर वाॅटर एड – 2017 की जारी रिपोर्ट ’वाइल्ड वाॅटर‘ में सामने आयी है। यह रिपोर्ट विश्व जल दिवस के अवसर पर भीषण मौसमी घटनाओं और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव विश्व की निर्धन तम जनता पर पढने की चेतावनी देने के लिए जारी की गई है। नाॅट्रेड ग्लोबल अडाप्टेशन इंडेक्स के अनुसार, भारत विश्व के उन शीर्ष 38 प्रतिशत देशों में शामिल है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रति सर्वाधिक कमजोर और अनुकूल न करने के लिए सबसे कम तैयार हैं। देश की जनसंख्या का 67 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण इलाकों में रहता है और ग्रामीण जन संख्या का सात प्रतिशत अभी भी साफ पानी की पहुंच से दूर है, इस तरह भारत के ग्रामीण निर्धन भीषण मौसमी घटनाओं के प्रभावों और जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्य्ांत कमजोर हैं। वाॅटर एड का वैश्विक जल अभिगम्य्ता को लेकर द्वितीय् वार्षिक विश्लेषण ’वाइल्डवाॅटर‘ विश्वभर के ग्रामीण इलाकों में पीने के साफ जल की अभिगम्य्ता की स्थिति का आकलन करता है और चेतावनी देता है कि जलवायु परिवर्तन के परिणाम स्वरूप होने वाली अधिक भीषण मौसमी घटनाएं, जिनमें साइक्लोन, विनाशकारी बाड और सूखा शामिल हैं, विश्व के निर्धनतम लोगों के लिए साफ जल की अभिगम्य्ता को और कठिन बना सकता है। आज विश्वभर में 663 मिलियन लोग साफ पानी के बगैर रह रहे हैं और इनमें से बडा हिस्सा 522 मिलियन ग्रामीण इलाकों में रहते है। ये समुदाय्ा पानी तक पहुंच को लेकर अलग-थलग रहने, अपयर््ााप्त इंफ्रास्ट्रक्चर और लगातार बनी रहने वाली फंड की कमी के कारण खास चुनौतिय्ाों का सामना करते हैं। वाॅटर एड इंडिय्ाा के चीफ एग्जिक्य्ाूटिव वी के माधवन का कहना हैं भारत में बगैर साफ जल की अभिगम्य्ाता के रहने वाले ग्रामीण लोगों की संख्य्ाा बहुत अधिक 63 मिलिय्ान है। इन लोगों में से अधिकांश निर्धन ग्रामीण समुदाय्ाों से आते हैं और जलवाय्ाु में कोई भी उल्लेखनीय्ा परिवर्तन पानी तक पहुंचने के उनके दैनिक संघर्ष को और बदतर बना देता है। भारत में 35 राज्य्ाों व केंद्रशासित प्रदेशों में से 27 आपदा प्रवृत हैं। देश के निर्धनतम और हाशिए पर रहने वाले लोग भीषण मौसमी घटनाओं और जलवाय्ाु परिवर्तन के घात को झ्ोलेंगे और उनके लिए स्वय्ां का अनुकूलन करना बेहद कठिन हो जाएगा। इस विश्वजल दिवस के अवसरपर, वाॅटर एड का सरकार से कहना है कि वह क़ायम रहने वाले विकास लक्ष्यों (सस्टेनबल डेवेलपमेंट गोल्स) के वादे को पूरा करे, जिसमें लक्ष्य 6 के भाग के रूप में सबके लिए सब जगह साफ जल की अभिगम्य्ता को सुनिश्चित करना शामिल है। साफ जल की अभिगम्य्ता के साथ-साथ यह महत्वपूर्ण है कि समुदायों के पास आवश्य्ाक साधन, इंफ्रास्ट्रक्चर और भीषण मौसमी घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से मुकाबला करने के लिए तैयारी हो। विश्व जल दिवस के अवसर पर वाॅटर एड ने आह्वान करते हुये कहा है कि सरकारों को जल, साफ-सफाई और स्वच्छता को प्राथमिकता देना चाहिए और फंड उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि इन बुनियादी मानवाधिकारों की पूर्ति और भीषण मौसमी घटनाओं व जल वायु परिवर्तन के प्रति समुदाय्ाों की प्रतिरोधक क्षमता का विनिर्माण हो सके। सरकारी नेताओं को अपने काय्ाम रहने वाले लक्ष्य्ाों (सस्टेनबल डेवेलपमेंट गोल्स) को हासिल करने के वादे को पूरा करने के प्रय्ाास तेज करने चाहिए, जिनमें शामिल हैं 2030 तक सबके लिए सब जगह सुरक्षित, साफ पीने का पानी,पर्याप्त साफ-सफाई और स्वच्छता।