नई दिल्ली: विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सख्त ऐक्शन लेते हुए उनके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की 18.37 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है. ईडी ने ये कार्रवाई जाकिर के खिलाफ दर्ज किए गए 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की है. उधर एनआईए ने भी नोटिस जारी कर जाकिर को 30 मार्च तक पेश होने के लिए कहा है.

ईडी ने जाकिर पर मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत ये पहली बड़ी कार्रवाई की है. इससे पहले ईडी ने जाकिर और आईआरएफ से जुड़े उनके एक साथी को भी गिरफ्तार किया था. ईडी ने इसी महीने जाकिर नाइक की बहन नइलाह नौशाद नूरानी से भी पूछताछ की थी. ईडी को जाकिर नाइक की भी तलाश है जो गिरफ्तारी से बचने के लिए सऊदी अरब में रह रहे हैं.

बता दें कि जाकिर की पत्नी नाइला 5 कागजी कंपनियों में निदेशक थीं. नाइला और नौशाद नूरानी से इस मामले में एनआईए भी पूछताछ कर चुकी हैं. ये पांचों 'कागजी' कंपनियां नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के कथित आरोप से जुड़ी हुई हैं. ईडी ने अपनी जांच में साबित किया था कि जाकिर नाइक और उसके एनजीओ ने करीब 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की है. इसमें से 50 करोड़ रुपए नाइला के बैंक खातों में जमा किए गए हैं.

उधर एनआईए ने भी आतंक रोधी कानून के तहत दूसरा नोटिस जारी कर जाकिर को 30 मार्च को पेश होने को कहा है. एजेंसी ने इससे पहले इसी महीने पहला समन जारी करके उनसे 14 मार्च को पेश होने को कहा था. नोटिस 51 वर्षीय नाइक के मुंबई स्थित आवास में भेजा गया है.
जाकिर पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल ढाका के एक कैफे में हुए हमले में कुछ आतंकवादियों को इस घटना के लिए प्रेरित किया था. पिछले साल नवंबर में एनआईए ने नाइक तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. नाइक पर धर्म के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच कथित रूप से वैमनस्य बढ़ाने तथा सौहार्द का माहौल बिगाड़ने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है.