सुल्तानपुर। विधान सभा 2017 के चुनाव में जहाँ राजनीति के मठाधीश तमाम तरह की अटकलें लगा रहे थे वही राजनीतिज्ञ मठाधीशो के सारे आंकड़े धरे के धरे रह गए। सुल्तानपुर विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक रहे अनूप संडा तीसरे नम्बर पर रहे, वही भाजपा से उम्मीदवार रहे सूर्य भांन सिंह ने सपा, बसपा के उम्मीदवारों को पराजित करते हुए 86786 वोट पाकर जीत हासिल की। बसपा से मुजीब अहमद 54393 सपा 53238 मत पाकर चुनाव हार गए। वही सदर विधान सभा सीट से सपा उम्मीदवार अरुण वर्मा बसपा से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे राज बाबू उपाध्याय भाजपा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीता राम वर्मा मैदान में रहे लेकिन मोदी का जादू सदर विधान सभा के मतदाताओं के सर पर चढ़ कर इस कदर चला कि भाजपा के उम्मीदवार सीता राम वर्मा कमल खिलाने में कामयाब रहे और 68950 वोट पाकर विजय हासिल की। बसपा उम्मीदवार राज बाबू 50177 और सपा उम्मीदवार अरुण वर्मा 49672 वोट पाकर पराजित हुए, इसी क्रम में कादीपुर विधान सभा सीट से सपा कांग्रेस के गठबंधन से विधायक रहे राम चंद्र चैधरी के पुत्र अंगद चैधरी, बसपा से दो बार विधायक रहे भगेलू राम और भाजपा से राजेश गौतम चुनावी मैदान में थे। जहाँ भाजपा उम्मीदवार राजेश गौतम ने दोनों दिग्गजो को पटकनी देते हुए 87353 वोट पाकर भाजपा का परचम कादीपुर में लहराने में कामयाब रहे। वही बसपा से भगेलू राम 60749 व् सपा कॉग्रेस से रहे डॉ अंगद 32042 वोट पाकर पराजित हुए। लम्भुआ विधान सभा सीट से जहाँ भाजपा ने देवमणि को चुनाव मैदान में उतारा था वही बसपा ने बसपा सरकार में रहे मंत्री विनोद सिंह को और सपा ने सिटिंग विधायक संतोष पांडये को चुनावी दंगल में उतारा था लेकिन इस चुनावी दंगल में भाजपा उम्मीदवार देव मणि ने दोनों पार्टियो के उम्मीदवारों को ऐसी पटखनी दी कि सारे खाने चित हो गये । भाजपा प्रत्याशी देवमणि दूबे 78627 मत पाकर विजय प्राप्त किये वही बसपा उम्मीदवार 65724, सपा उम्मीदवार को 47633 मत पाकर हार का सामना करना पड़ा। इसी क्रम में इसौली विधान सभा की बात करे तो यहाँ का मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प रहा। जहां से भाजपा ने ओम प्रकाश पांडये बजरंगी को मैदान में उतारा था वही बसपा ने शैलेंद्र त्रिपाठी व सपा ने अपने सिटिंग विधायक अबरार अहमद को उतारा था तो वही एमबीबीसीआई पार्टी से सपा नेता शिव कुमार सिंह एवँ धनपतगंज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख जिला पंचायत सदस्य यश भद्र सिंह मोनू रालोद से चुनावी मैदान में कूद कर अपनी किस्मत अजमाने में जुटे रहे। लेकिन सपा से अबरार अहमद ने सारे उम्मीदवारों को ऐसी पटकनी दी कि सब चारों खाने चित हो गए और 51583 वोट पाकर सबको चित करते हये विजयी हुए। भाजपा से ओम प्रकाश बजरंगी 47342 रालोद 43026 मत होने की खबर सामने आई लेकिन अभी तक कोई अधिकारी पुष्टि नहीं की गई है। वही भाजपा उम्मीदवार ओम प्रकाश पांडये बजरंगी ने विरोध जताते हुए इसौली विधान सभा का मत गणना दुबारा कराने का प्रार्थना पत्र दे दिया। इसौली में सपा प्रत्याशी 4079 वोटो से विजयी रहे। इन्हे 51347 वोट मिले, तो बीजेपी प्रत्याशी ओम प्रकाश पांडेय को 47203 मत मिले। रालोद प्रत्याशी यशभद्र सिंह मोनू को 42888 मत हासिल हुए। यहां बसपा चैथे पायदान पर चली गयी।

इसौली में रही दिलचस्प लड़ाई

विधानसभा लम्भुआ, कादीपुर, सदर और सुलतानपुर ने भाजपा प्रत्याशियों ने शुरू से ही बढ़त बना ली थी, लेकिन इसौली विधानसभा में कई राउंड तक शिवकुमार सिंह सबसे आगे रहे। अंतिम दौर में अबरार अहमद फिर भाजपा प्रत्याशी और तीसरे स्थान पर यशभद्र सिंह मोनू आ गए। विधायक अबरार अहमद पर यह की जनता ने भरोसा जताया और उन्हे दोबारा कुर्सी पर बैठा दिया।

विधानसभा चुनाव में गई प्रतिष्ठा

विधानसभा चुनाव में इसौली विधानसभा सीट पर बसपा के स्टार प्रचारक ओमप्रकाश त्रिपाठी के बेटे शैलेन्द्र त्रिपाठी चुनाव मैदान में थे। जिन्हे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। कादीपुर सुरक्षित सीट पर सपा विधायक रामचंदर चैधरी के बेटे अंगद चैधरी कांग्रेस प्रत्याशी थे इन्हे भी हार का मुह देखना पड़ा। लम्भुआ विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री विनोद सिंह और सपा विधायक संतोष पांडेय की प्रतिष्ठा चली गई। दोनो को भाजपा प्रत्याशी देवमणि दूबे ने हरा दिया।

मोदी फैक्टर का चला जादू, सारे नेता चित्त

जहा उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व उनकी पत्नी डिंपल यादव और बसपा मुखिया मायावती ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी थी। वही अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर विधान सभा की पांचो सीटों की जीत के लिये दो बार जनसभा करके मतदाताओं से जीत दिलवाने की अपील की थी। वही बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुल्तानपुर की पांचो विधान सभा सीट पर अपना कब्जा जमाने के लिये अल्पसंख्यक व दलित वोटों को रिझाने की कोशिश की थी। वही मोदी फैक्टर इस कदर चला कि सपा की पांचो सीट में से भाजपा को चार सीट मिली वही एक सीट पर सपा उम्मीदवार ने अपनी जीत दर्ज कराने में कामयाब रही।

ज्योतिषीय टोटका कामयाब, भाजपा की बनी सरकार

सदर विधान सभा (जयसिंहपुर )की सीट को लेकर ज्योतिषीय टोटका फिर से कामयाब हो गया। जिस प्रकार ज्योतिषीय टोटका और लोगो का मानना था कि जिस पार्टी का उम्मीदवार (जयसिंहपुर )सदरविधान सभा सीट से जीतेगा सरकार उसी की बनेगी लोगो का ऐसा मानना फिर से सच हो गया। जयसिंहपुर सीट से भाजपा के उम्मीदवार सीताराम वर्मा ने जीत हासिल किया और उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से भाजपा ने अपना परचम लहराकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हो गई। बहरहाल लोगो का मानना चाहे जो हो लेकिन जयसिंहपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार का जीतना और भाजपा की सरकार बनना फिर से इस बात को साबित कर दिया कि ज्योतिषिय टोटका और लोगो का मानना सच ही है। शायद यही कारण था कि सपा के मुखिया अखिलेश यादव दो बार जयसिंहपुर विधान सभा में जन सभा कर अपनी पूरी ताकत मतदाताओं को रिझाने में लगा दिए थे।

सपा का काम नही कांड बोला!

चुनाव परिणाम आने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। आम जनता यह कहने लगी कि सपा का काम नही बल्कि उनके विधायको का कांड बोला है। मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और सदर विधायक अरूण वर्मा गैंगरेप को लेकर चर्चा में रहे।