लखनऊ: वर्तमान समय में जब देश सूचना तकनीकि और इंटरनेट के सहारे कैशलेस इकॅानमी और और ऑनलाइन लेनदेन की तरफ अपने कदम बढ़ा रहा है तो ऐसे में साइबर सुरक्षा और इसकी कमजोरियों पर चर्चा आवश्यक हो जाती है। इसी विषय पर गंभीर विमर्श करने के लिए एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, एमिटी विवि., लखनऊ परिसर और हैकर्स डे, लखनऊ चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सूचना सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन का उद्घाटन अतिरिक्त मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, राजेन्द्र कुमार तिवारी और इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना तकनीकि मंत्रालय, एनआईसी के राज्य सूचना अधिकारी डा. सौरभ गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर एमिटी विवि लखनऊ परिसर के प्रति कुलपति अति विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त सेवानिवृत्त मेजर जनरल केके ओहरी, हैकर्स डे के अध्यक्ष नितिन पांडे और एमआईआर प्रयोगशाला ग्वालियर के निदेशक डा. जीएस तोमर उपस्थित रहे।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि आज जीवन का कोई भी हिस्सा सूचना तकनीकि से अछूता नहीं रह गया है। लोगों के हाथ में पकड़ा हुआ स्मार्ट फोन केवल बात करने का माध्यम न होकर बहुत सारी समस्याओं का समाधान बन चुका है। ऐसे समय में जब 45 प्रतिशत रेल यात्रा के टिकट और 65 प्रतिशत हवाई यात्रा के टिकटों की बुकिंग आनलाइन हो रही हो और एक बड़ी राशि आनलाइन लेनदेन के जरिए इस्तेमाल हो रही हो तो हमें इंटरनेट एवं सूचना तकनीकि की सुरक्षा के विषय में गम्भीर होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चाहे एक विलियन से ज्यादा याहू ईमेल अकाउंट्स हैक होने की घटना हो या फिर बीते दिनों 3.2 विलियन डेबिट कार्ड डाटा के चुराये जाना हो। साइबर सुरक्षा की अनुपस्थिति में उत्पन्न होने वाली भयावह स्थितियों की एक बानगी मात्र हैं। उन्होंने कहा कि सूचना तकनीकि का बड़ा इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाओं और सरकारों द्वारा किया जा रहा है। बीते अमेरिकन राष्ट्रपति के चुनाव को रूस द्वारा प्रभावित किये जाने की बातें हमारे सामने हैं। इसलिए हमें सूचना तकनीकि के महत्व को देखते हुए इसकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त और तत्काल कदम उठाये जाने की आवश्यकता है।

विशेष अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. सौरभ गुप्ता ने कहा कि आज सुबह से लेकर इस सम्मेलन के उद्घाटन तक के समय के बीच में उत्तर प्रदेश चुनावों से जुड़ी सूचनाओं को चुराने और हैक करने के लगभग 149 आक्रमणों को नाकाम किया जा चुका है। सिर्फ यह डाटा ही यह बताने के लिए पर्याप्त है कि सरकारें गोपनीय सूचना और जनता से जुड़े विभिन्न डाटा की सुरक्षा को लेकर कितनी गम्भीर है। उन्होंने कहा कि हमारा विभाग प्रतिदिन ऐसे सैकड़ों हैकिंग के प्रयासों को रोजाना नाकाम कर रहा है और ऐसा नवीनतम तकनीकि के प्रयोग से संभव हो रहा है। डॉ. गुप्ता ने सरकार द्वारा चलाये जा रहे सूचना एवं तकनीकि से सम्बंधित सरकार के विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बताया।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. जी.एस. तोमर ने अकादमिक और उद्यमों से जुड़े विशेषज्ञों को इस विषय पर एक साथ आने और काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों के मिलन से लगाई हुई लागत की वापसी संभव हो सकती है।

उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकि सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों में साइबर क्राइम एवं साइबर लॉ शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. अमर प्रसाद रेड्डी और अध्यक्ष अनुज अग्रवाल, ए.एण्ड आर इनफो सेक्योरिटी सोल्यूसन के निदेशक डॉ. रक्षित टंडन, प्रेस्टाइन इनफो सोल्यूसन के संस्थापक रिजवान शेख और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ निपुन जयसवाल ने अपने वक्तव्य सम्मेलन में रखे।