सुलतानपुर। शहर के विवेकनगर में हर वर्ष की तरह स्वामी विवेकानन्द का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया गया, लेकिन इस बार गरीबों को ट्राई साइकिल और रजाई नही बाटी जा सकी। वजह यह रही कि आचार संहिता इस कार्यक्रम में रोड़ा बन गया और गरीबों- विकलांगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। संस्था के संस्थापक पूर्व सभासद संजय कप्तान ने कहा कि संस्था स्वामी विवेकानन्द के विचारधाराओं पर चलकर 37 वर्षो से लगातार स्वामी जी का जन्मोत्सव मनाता चला आ रहा है। आगे यह भी कहा कि स्वामी विवेकानन्द आधुनिक भारत के एक क्रान्तिकारी विचारक माने जाते है उन्होंने धर्म को मनुष्य, समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए स्वीकार किया और कहा कि धर्म मनुष्य के लिए है मनुष्य धर्म के लिए नहीं। भारतीय जन के लिए उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति होने तक रूको नहीं। संस्था के संस्थापक संजय कप्तान ने आगे यह भी कहा कि विवेक नगर के वासियों के लिए आज सबसे बड़ा उत्साह का दिन है स्वामी विवेकानन्द के नाम पर सन् 1980 में विवेकनगर का नामांकरण किया गया। तब से आज तक स्वामी विवेकानन्द का जन्मोत्सव संस्था द्वारा मनाया जाता रहा है आगे यह भी कहा कि हमें गौरवान्वित महसूस करना चाहिए कि जनपद में पहला मोहल्ला ऐसा है जहां पर विवेकानन्द के नाम पर रखा गया विवेकनगर में जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसीक्रम में राधेरमण मिश्र ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जिनका नाम आते ही मन में श्रद्धा और स्फूर्ति दोनों का संचार होता है, जिन्होंने भारत के नैतिक एवं जीवन मूल्यों को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाया इन मूल्यों को जीवन को एक नई दिशा मिलती है। इसीक्रम में अध्यक्ष नगर पालिका ने कहा कि मैं संजय कप्तान को और संस्था के उन तमाम पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूॅं कि उनके अथक प्रयास से हर वर्ष स्वामी विवेकानन्द का जन्मोत्सव विवेकनगर में धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष विवेकानंद जन्मोत्सव पर गरीबों को रजाई, ट्राई साइकिल बाटी जाती है। इस बार आचार संहिता लगने की वजह से गरीबों को मायूस होकर लौटना पड़ गया।