मनकामेश्वर उपवन घाट पर आदिगंगा मां गोमती की महाआरती

लखनऊ: चलो रे शिवशंकर के द्वार…, कब लोगे खबर भोलेनाथ…, शिव नाम के सहारे…. जैसे लक्खा के गीतों पर भक्त खूब झूमे। डालीगंज स्थित मनकामेश्वर उपवन घाट का पूरा माहौल शिवमय हो गया। भजन सम्राट लखबीर सिंह लक्खा ने गुरुवार को घाट पर नमोस्तुते मां गोमती की प्रमुख व मंदिर की महंत देव्या गिरि जी महाराज की अगुवाई में आदिगंगा मां गोमती की महाआरती की। साथ ही उन्होंने मैया गोमती पर आधारित गीत गाकर नदी को सुरक्षित और साफ रखने की लोगों से अपील की।

रंगोली, दीपों से जगमगाता रहा घाट

मनकामेश्वर उपवन घाट को बच्चों ने रंगोली और द्वीपों से सजाया हुआ था। पूरा घाट बिजली की झालरों से जगमगाता रहा। पौष पूर्णिमा पर आचार्य पं. श्यामलेश त्रिपाठी के मंत्रोचार के साथ महंत देव्यागिरि के सानिध्य में 11 पुरोहितों द्वारा आदिगंगा मां गोमती की महाआरती की गई। कार्यक्रम में हरीश कपूर, अवनीश त्रिवेदी, आरके यादव, अभिषेक, विनय पटेल, रोहित, अमित, मूर्तिकार श्रवण प्रजापति, धर्मेंद्र दास, विष्णु दास, शीलू, देवेंद्र शुक्ला, विनय शर्मा, डब्बू, मोहित, राजकुमार, दीपू ठाकुर, शिखा गुप्ता समेत मनकामेश्वर मठ मंदिर के
सभी सेवादारों का विशेष योगदान रहा।

नृत्य-नाटिका से मनी जयंती, हुए कार्यक्रम

छत्रपति शिवाजी की मां और हिन्दी स्वराज्य का सपना देखने वाली जीजाबाई और स्वामी विवेकानंद की जयंती भी घाट पर दोपहर को मनाई गई। पहले महंत देव्या गिरि ने जीजाबाई व विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण किया। महंत ने बताया कि दोनों महान हस्तियों का जन्मदिन 12 जनवरी को होता है। उन्होंने दोनों लोगों के जीवन के बारे में बताकर उनके आदर्शों पर चलने की लोगों से अपील की। रेड ब्रिगेड की ऊषा विश्वकर्मा के निर्देशन में जीजाबाई के जीवन पर आधारित नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति हुई। उससे पहले मनकामेश्वर संस्कारशाला व तत्सत स्कूल की ओर से वंदेमातरम् की मनमोहक प्रस्तुति बच्चों द्वारा दी गई। साथ ही बच्चों ने आत्मरक्षा के लिए ताइक्वांडो का प्रदर्शन किया। गायक राजेश द्विवेदी ने मां गोमती व जल संरक्षण पर लोकगीत गाया। भजन सम्राट लक्खा व महंत देव्या गिरि को रमन तलवार व अमित गुप्ता ने शाल

ओढ़ाकर सम्मानित किया।
नदी का संरक्षण है जरूरी

लक्खा ने घाट पर आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि नदियों का संरक्षण बहुत जरूरी है। उनके साथ महंत देव्या गिरि भी रहीं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जल की कमी होनी है। ऐसे में यदि पहले से ही देश ही नहीं विश्व का प्रत्येक व्यक्ति जल संरक्षण पर ध्यान दे तो आने वाली कठिनाइयों से काफी हद तक बचा जा सकता है। हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करेंगे तो वह भी हमें नहीं बख्शेगी। लक्खा ने बताया कि उन्होंने मां गोमती और महंत जी की ओर से आयोजित देश प्रेम, भारत माँ व सामाजिकता से जुड़ा एक कार्यक्रम देखा। जिसके बाद उन्होंने खुद ही मां गोमती की महाआरती करने की महंत देव्या गिरि जी महाराज से इच्छा जताई।