नई दिल्ली। सपा में चल रहा दंगल चरम पर पहुंच गया है। नए साल के पहले दिन भी समाजवादी पार्टी में जमकर उथल-पुथल मच रही है। सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आपात अधिवेशन बुलाकर न सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए, बल्कि अमर सिंह को पार्टी से बाहर भी निकाल दिया। इस दौरान कई पुराने सपाई भी अखिलेश के मंच पर थे। दोपहर को मुलायम ने अधिवेशन को असंवैधानिक बताते हुए नरेश अग्रवाल और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा को पार्टी से बाहर कर दिया।

सपा से निकाले जाने पर नरेश अग्रवाल ने कहा कि जब अध्यक्ष अखिलेश हो गए हैं तो नेता जी को हमें निकालने का अधिकार नहीं बचा है। नेता जी के दिमाग को लोग प्रभावित कर रहे हैं। नेता जी अपने आप कुछ नहीं कर रहे हैं। नेता जी के आसपास कुछ असुर बैठ गए हैं जो उनसे करवा रहे हैं। जो बाप-बेटे को निकाल सकता है, हमें भी निकाल सकता है। नेता जी समझ नहीं रहे हैं कि मेरे ऊपर वार करके उन्होने प्रदेश के वैश्य समाज पर वार किया है।
नरेश अग्रवाल ने अमर सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि अमर सिंह भाजपा के एजेंट हैं। सपा को कमजोर करना भाजपा को ताकत देना है। नेता जी मोदी की तारीफ करने के स्थान पर बेटे की तारीफ करें। अमर सिंह और शिवपाल को जनता समझ रही है।

वहीं समाजवादी पार्टी से निष्कासित किरनमय नंदा का कहना है कि पार्टी के अध्यक्ष अब अखिलेश यादव हैं। बाकी की कोई वैल्यू नहीं है। शिवपाल तो अब पार्टी के कोई पदाधिकारी भी नहीं हैं। नंदा ने कहा कि कोई चिट्ठी मेरे पास नहीं आई है। पार्टी के नेता मुलायम सिंह हैं। नेताजी ये सब काम नहीं करते। ये लोग उनसे काम कराते हैं। ये सब पार्टी को बर्बाद करना चाहते हैं।