नई दिल्ली: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती का कहना है कि हिंदुओं की संख्या घट रही है। हिंदुओं को दो बच्चों की जगह 10 बच्चे पैदा करने चाहिए। भगवान उनका ख्याल रखेगा। आरएसएस द्वारा प्रोत्साहित तीन दिवसीय धर्म संस्कृति महाकुंभ ‘हिंदू बचाओ’ के संदेश के साथ रविवार को समाप्त हुआ। यहीं सरस्वती ने यह बयान दिया। इस महाकुंभ में कई ऋषियों ने हिस्सा लिया, जहां हिंदुओं से 10-10 बच्चे पैदा करने का आह्वान किया गया ताकि हिंदुओं की संख्या को बढ़ाया जा सके। दिलचस्प बात यह है कि इसी समय राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मांग भी उठाई गई।

टाइम्स अॉफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया ने बड़ा दुख जताते हुए कहा कि गोहत्या पर रोक लगाने पर कानून का रवैया टाल-मटोल वाला है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस मामले में तोगड़िया के विचारों के साथ सहमति जताई। वहीं, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गोहत्या पर वैसे ही तुरंत फैसला लेने को कहा जैसे नोटबंदी के मामले में लिया गया। उन्होंने हिंदुओं की संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि हर हिंदू के 10 बच्चे होने चाहिए।

वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा, ‘दो बच्चों के नियम को त्यागकर 10 बच्चों के नियम का पालन करें। इसकी चिंता न करें कि उन्हें कौन पालेगा, भगवान आपके बच्चों का ध्यान रखेगा।’ उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। तोगड़िया भी इन दिनों बार-बार हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं।

इससे पहले आरएसएस के संचालक मोहन भागवत ने हिंदुओं की कम होती जनसंख्या पर कहा था कि कौन सा कानून कहता है कि हिंदुओं की जनसंख्या नहीं बढ़नी चाहिए? ऐसा कुछ भी नहीं है। जब दूसरों की आबादी बढ़ रही है तो उन्हें कौन रोक रहा है? यह मुद्दा व्यवस्था से जुड़ा हुआ नहीं है। ऐसा इस वजह से है कि सामाजिक माहौल ही ऐसा है। उनके इस बयान की खूब आलोचना हुई थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि भागवत जी पहले खुद 10 बच्चे पैदाकर उनकी परवरिश करके दिखाएं।