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बैंकिंग प्रणाली अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है: प्रो कविद्याल

रुद्रपुर: वित्तीय जागरूकता ही कैशलेस अर्थव्यवस्था का आधार है। विमुद्रीकरण से बैंकिंग प्रणाली में ढेरों रुपये आ जाएंगे और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। बैंकों की साख सृजन की क्षमता में वृद्धि होकर सामान्य जन में बैंकिग आदत का होगा जो देश को उन्नति के मार्ग पर ले जाएगा। विमुद्रीकरण का कदम, देश में आर्थिक असमानता खतम करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा । सरकार की कैशलेस योजना के क्रियान्वयन में वित्तीय जागरूकता अहम् भूमिका निभाकर उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगी ।
उक्त बातें दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र, सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय और एन एन जे आई टी आई के संयुक्त तत्वाधान आयोजित तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, सेबी और बीएसई आईपीएफ द्वारा वित्त पोषित एक सप्ताह की राष्ट्रिय कार्यशाला कौशल विकास और रोजगार सृजन के पाचवें दिन चार्टर्ड एकाउंटेंट शिव अरोरा ने कहा । उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए कैशलेस अर्थव्यवस्था और विमुद्रीकरण विमुद्रीकरण के साहसिक फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर उठाया गया कदम है जो राष्ट्र के अर्थायाम को नई दिशा देगी । इससे आगे ब्लेक मनी जनरेट न हो इसकी समुचित उपाय करने की जरुरत है । उम्मीद है की जाली नोटों से छुटकारा मिलकर ई कामर्श को बढ़ावा मिलेगा । टैक्स चोरी को रोकना आसन होगा वही बैंकिंग, टेक्स व्यवसाय और निगरानी की आधुनिक व्यवस्था होगी जिससे अपराध और आतंकवाद की फंडिंग मुश्किल हो जायेगी । इसके लिए चुनौती भी कठिन है क्योंकि जो देश जितने शिक्षित है उनके यहाँ उतनी ही अधिक कैशलेश लेनदेन है । विमुद्रीकरण को सफल बनाने एवं इसके द्वारा काले धन के प्रयोग को कम करने के लिए सरकार को कई कदम एकसाथ उठाने होंगे। जिनमें प्रमुखतम है डिजिटल इंडिया, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, वित्तीय समावेशन, गांव में तकनीक व बैंकिंग शिक्षा का प्रसार।

कुमायूं विश्वविद्यालय प्रबंधन शास्त्र के संकायाध्यक्ष प्रो पी सी कविद्याल ने कहा की किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में बैंकों का विशेष स्थान होता है। बैंकिंग प्रणाली अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। इसे न तो कमजोर होना चाहिए और न ही कमजोर दिखना चाहिए। देवभूमि की महिला दस्त्कारिता, महिला स्वयं सहायता समूहों-आर्थिक सशक्तिकरण महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करनेवाली योजनायें धरातल पर उतारने की आवश्यकता है । कौशल विकास के माध्यम से से ही सामन्य जन के कष्टों का समाधान सरकार खोज पायेगी । इसी के साथ म्यूच्यूअल फण्ड, बिमा , शेयर मार्किट और वित्तीय उत्पादों की जानकारी देते हुए कैरियर की संभावनाओं से रूबरू कराया ।

ख्वाजा मोइनुदीन चिस्ती उर्दू अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉ नीरज कुमार शुक्ल ने टूरिज्म सेक्टर में रोजगार संभावनाएं विषय पर बोलते हुए उभर रहे स्पेस टूरिज्म, एस्ट्रो टूरिज्म में उभरते संभावनाओं की ओर संकेत करते हुए कहा की उत्तराखंड में पर्यटक व पर्यटन जनित रोजगार ही हैं जिससे पर्वतीय क्षेत्र की रोजी रोटी चल सकती है । उत्तराखंड में बढ़ते पर्यटन को आय के स्त्रोत में तब्दील कर व निर्माण आदि कार्यों में पारदर्शिता लाकर न केवल ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है बल्कि समस्या होने पर त्वरित व श्रेष्ठ निवारण भी किया जा सकता है। प्राकृतिक संसाधानों का उचित उपयोग न हो पाने के कारण ही पहाड़ी क्षेत्रों के युवा तेजी से मैदान की ओर पलायन कर रहे हैं।

नोएडा से पधारे ओरेकल कमपनी के वाईस प्रेसिडेंट वेद प्रकाश ने कमपनियों की आवश्यकता के अनुसार स्किल विकसित करने पर जोर देते हुए कहा की डिजिटल होना और डिजटल व्यस्था को समय के साथ समाहित करना ही सफल होने का मार्ग है । डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नित्यनई अन्नत संभावनाओं को अवसर दे रहा है आवश्यकता है इसका प्रयोग आजीविका सृजन करने में हो ।
कंप्यूटर साइंस विभाग आईएम्एस गाज़ियाबाद से पधारें डॉ शीलेश कुमार शर्मा ने प्रतिभागियों को वेबसाईट डेवलप करने के गुर सिखाया। कैसे वेबसाईट निर्माण किया जाय , कंटेंट क्या होना चाहिए, वेबसाईट के व्यवसायीक उपयोग कर धन कैसे अर्जित किया जाये और घर से ही बिजनेस को किस प्रकार प्रभावी रूप से कर सकते है इन सभी बारीकियों से अवगत कराया ।

कार्यशाला का संचालन करते हुए सहायक आचार्य व समन्वयक डॉ हरनाम सिंह ने वित्तीय समावेशन की योजनाओं को जनसामान्य से जोडनें की बात कर वित्तीय योजनाओं के प्रभाशाली क्रियान्वयन की प्रशिक्षण दीया । निदेशक डॉ योगेश कुमार शर्मा ने आभार ज्ञापन करते हुए वक्ताओं को कार्यशाला के उद्येश्यों और भविष्य की योजनाओं की रुपरेखा प्रस्तुत की । जिसमे आयोजन सचिव डॉ विनोद कुमार, विजय फुटेला, डॉ गिरिजा शंकर यादव, डॉ बी के श्रीवास्तव, ई. आकांक्षा गुप्ता, अमित कुमार सिंह, रूद्र देव, वेद विश्वकर्मा, विवेक अग्रवाल , हितेश जोशी, मंजू पाण्डेय सहित सभी शिक्षक और कौशल केंद्र तथा एन एन जे आई टी आई के प्रतिभागी उपस्थित रहें ।

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